'1986 में बाबरी का ताला खोलने के लिए गांधी नहीं, नेहरू जिम्मेदार थे', अपनी किताब की लॉन्चिंग पर बोले मणिशंकर अय्यर
अय्यर ने कहा कि मेरा मानना है कि अगर राजीव गांधी जिंदा होते और पीवी नरसिम्हा राव की जगह प्रधानमंत्री होते और बाबरी मस्जिद आज भी कायम होती. तब बीजेपी को उचित जवाब मिल गया होता, क्योंकि राजीव गांधी भी वैसा ही कोई समाधान निकाल लेते, जैसा की सुप्रीम कोर्ट ने वर्षों बाद निकाला.
Manishankar Aiyar New Book The Rajiv I Knew: कांग्रेस के सीनियर नेता मणिशंकर अय्यर की नई किताब आई है. 'The Rajiv I Knew' नाम से लॉन्च की गई मणिशंकर अय्यर की किताब राजीव गांधी के प्रधानमंत्रित्व काल (31 अक्टूबर 1984-2 दिसंबर 1989) के बारे में जिक्र किया गया है. किताब की लॉन्चिंग पर अय्यर ने कहा कि राजीव गांधी का कहना था कि मस्जिद रखो और मंदिर बनाओ. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर बनाओ और मस्जिद कहीं और बनाओ. एक तरह से, फैसला वही है जिस पर राजीव आ रहे थे. उन्होंने कहा कि राजीव गांधी जिंदा होते और पीवी नरसिम्हा राव की जगह प्रधानमंत्री होते तो बाबरी मस्जिद आज भी कायम होती.
कांग्रेस के सीनियर नेता मणिशंकर अय्यर ने शुक्रवार को बताया कि 1986 बाबरी मस्जिद के दरवाजे खोलने के पीछे तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी नहीं, बल्कि कांग्रेस नेता रहे अरुण नेहरू जिम्मेदार थे. उन्होंने कहा कि ये वो समय था, जब कांग्रेस में अरुण नेहरू का प्रभाव था. अय्यर ने आरोप लगाते हुए कहा कि अरुण नेहरू बीजेपी की ओर से कांग्रेस में प्लांट किए गए थे. बाद में जब उनकी इस प्लानिंग का पता चला तो वह बीजेपी में शामिल हो गए.
राजीव गांधी उस समय निकाल लेते समाधान, भाजपा को मिल जाता जवाब
अय्यर ने ये भी कहा कि मेरा मानना है कि अगर राजीव गांधी जिंदा होते और पीवी नरसिम्हा राव की जगह प्रधानमंत्री होते और बाबरी मस्जिद आज भी कायम होती. तब बीजेपी को उचित जवाब मिल गया होता, क्योंकि राजीव गांधी भी वैसा ही कोई समाधान निकाल लेते, जैसा की सुप्रीम कोर्ट ने वर्षों बाद निकाला. मणिशंकर अय्यर ने 22 जनवरी के राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण को अस्वीकार करने के कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के फैसले की भी सराहना भी की.
अय्यर ने पीएम मोदी पर भी निशाना साधा और कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की भाजपा को नरेंद्र मोदी ने चुरा लिया है. बता दें कि मणिशंकर अय्यर उन नेताओं में से हैं, जिन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के साथ काम किया था. अय्यर की किताब में बाबरी-राम जन्मभूमि मुद्दे के अलावा भारत श्रीलंका समझौता, शाह बानो मामला और भारतीय शांति सेना जैसे मुद्दों पर भी बात की गई है.
अगस्त 2023 में भी आई थी अय्यर की किताब
बता दें कि मणिशंकर अय्यर की एक किताब अगस्त 2023 में भी आई थी. उस दौरान आई उनकी किताब का नाम 'मेमोयर्स ऑफ ए मेवरिक- द फर्स्ट फिफ्टी इयर्स (1941-1991)' था. इस किताब में भी अय्यर ने पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव की हिंदुत्व के प्रति क्षुकाव पर बात की थी. उन्होंने अपनी किताब में पीवी नरसिम्हा राव को भाजपा का पहला प्रधानमंत्री भी बताया था.