Ayodhya Railway Station Wall Fact Check: रविवार की सुबह से सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से चल रहा था. इसमें बताया जा रहा था कि साल 2023 में बने अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन की एक दीवार गिर गई है. वीडियो में घटिया निर्माण के आरोप लगाए गए थे. इसके बाद से मामले में जमकर सियासत भी हुई. तमाम विपक्ष के नेताओं ने इस वीडियो को शेयर किया और मोदी सरकार के साथ भाजपा को निशाने पर लिया. हालांकि, शाम होते होते प्रतिष्ठित लोग वीडियो को डिलीट भी करने लगे. इसके पीछे कारण था इसका फैक्ट चेक. आइये जानें क्या है सच्चाई?
घटना का वीडियो राजनेताओं और कई इंटरनेट यूजर्स ने बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता पर सवाल खड़े करते हुए शेयर किए थे. इसमें समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव के साथ साथ कई अन्य नेता भी शामिल थे. हालांकि, अब कहीं जाकर मामले की सच्चाई सामने आई है.
प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो ने वीडियो की जांच की तो सच्चाई सबके सामने आ गए. इस बारे में PIB ने सोशल मीडिया में पोस्ट कर जानकारी दी है. इसमें PIB ने लिखा 'एक वीडियो में दावा किया गया है कि हाल ही में उद्घाटन किए गए नए अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन की दीवार ढह गई है. वीडियो में दिखाई गई चारदीवारी पुराने स्टेशन का हिस्सा थी. एक व्यक्ति द्वारा खुदाई के काम और निजी क्षेत्र में जलभराव के कारण दीवार ढह गई है.'
अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन की दीवार का दिसंबर 2023 में बनना बताया जा रहा है वो पूरी तरह से गलत है. दीवार काफी पुरानी है और मुख्य रेलवे स्टेशन की संरचना से अलग है. तमाम फैक्ट चेक में बताया गया कि दीवार रिहायशी इलाके और रेलवे की भूमि को अलग करने के लिए काफी पहले बनाई गई थी. उसे दूसरी तरफ खनन के कारण वहां गड्ढा था. उसमें बारिश का पानी भर गया और वो गिर गई. इसका अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन से कोई नाता ही नहीं है.