Ayodhya Ke Ram: जानें राम से सुग्रीव किले का खास कनेक्शन, कहां पर है मौजूद और क्यों है अहम?

अयोध्या से जुड़ी ऐतिहासिक और धार्मिक मान्यताओं की अनगिनत कहानियां है. उनमें से एक त्रेतायुग में बने सुग्रीव किले की अपनी पौराणिक मान्यता है. 

नई दिल्ली: भारतीयता के जन-जन के प्राणतत्व भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की शुभ घड़ी नजदीक आ गई है. 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 84 सेकंड का अति सूक्ष्म मुहूर्त निकाला गया है. जो 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड तक होगा. पीएम मोदी के हाथों भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी. ऐसे में गुजरते वक्त के साथ भारत की भक्ति धारा राममय होने लगी है. वैसे तो अयोध्या से जुड़ी ऐतिहासिक और धार्मिक मान्यताओं की अनगिनत कहानियां है. उनमें से एक त्रेतायुग में बने सुग्रीव किले की अपनी पौराणिक मान्यता है. 

जानें क्या है सुग्रीव किले पौराणिक मान्यता? 

अयोध्या में भगवान राम का सुग्रीव किले का खास कनेक्शन बताया जाता है. भगवान राम ने वनवास जाने से पहले महाराजा भरत को इस जगह पर रखे आभूषण हीरे जवाहरात और माणिक्य की रक्षा करने के लिए कहा था. 14 वर्षो के बाद जब राजा रामचन्द्र वापस अयोध्या लौटे तो भरत महाराज ने इस स्थान पर मौजूद मणियों से एक किला भगवान श्री राम के स्वागत के लिए बनवा दिया था. भगवान राम जब अयोध्या पंहुचे तो चमचमाते महलों को देख कर अपने भाई भरत से पूछा कि यह महल पहले तो नहीं था. जिसके बाद भरत ने बताया कि इस महल का निर्माण आप के स्वागत के लिए बनाया गया है. 

भगवान राम ने महाराजा सुग्रीव को दिया था किला

भाई भरत का जवाब सुनकर भगवान राम ने कहा कि लंका पर विजय प्राप्त करने में महाराजा सुग्रीव का बड़ा योगदान था. जिसके बाद भगवान राम ने यह किला अपने साथ लाए महाराजा सुग्रीव को दे दिया. तब से यह स्थान सुग्रीव किला के नाम से प्रसिद्ध है और इसी किले से वीएचपी ने राम मंदिर आंदोलन की रणनीति बनायी थी. राम जन्मभूमि परिसर के पास स्थित सुग्रीव किला अपने आप में एक ऐसा ऐतिहासिक और पौराणिक स्थान है जिसके दर्शन मात्र से सभी शत्रुओं का नाश हो जाता है.