Ayodhya Ke Ram: अक्षत निमंत्रण पाकर भावुक हुए मोहम्मद हबीब, बताया राम मंदिर आंदोलन से जुड़ा किस्सा
Ayodhya Ke Ram: हबीब ने 1992 में अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनने का सपना देखा था. अपने इस सपने को साकार करने के लिए वो 1992 में कारसेवक के रूप में अयोध्या गए थे.
Ayodhya Ke Ram: 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में होने जा रहे रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर व्यापक तैयारियां की जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित देश और विदेश से लाखों रामभक्त राम मंदिर के उद्घाटन अवसर पर अयोध्या पहुंचेंगे. मेहमानों का स्वागत करने के लिए अयोध्या को सजाने संवारने का काम चल रहा है. अतिथियों को निमंत्रण पत्र भेजने के साथ ही 'अक्षत निमंत्रण' भी भेजा जा रहा है. इसी बीच संघ के कार्यकर्ता अक्षत निमंत्रण लेकर यूपी के मिर्जापुर में मोहम्मद हबीब के घर पहुंचे.
कारसेवक के रूप में गए थे अयोध्या
मोहम्मद हबीब मिर्जापुर में जमालपुर ब्लॉक में जफराबाद के रहने वाले हैं. हबीब ने 1992 में अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनने का सपना देखा था. अपने इस सपने को साकार करने के लिए वो 1992 में कारसेवक के रूप में अयोध्या गए थे. वाराणसी कैंट से 50 कारसेवकों के साथ वो अयोध्या पहुंचे थे, उस समय वो बीजेपी युवा मोर्चा में जिला उपाध्यक्ष भी थे. मोहम्मद हबीब के घर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता अक्षत निमंत्रण लेकर पहुंचे तो वो भावुक हो गए और 31 साल पहले की दास्तां सुनाई.
बार-बार अयोध्या जाऊंगा
मोहम्मद हबीब ने बताया कि वो जब 50 लोगों के जत्थे के साथ 2 दिसंबर 1992 को वाराणसी कैंट से अयोध्या गए थे तो वो 5 दिन अयोध्या में रहे. उस दौरान उन्होंने विश्व हिंदू परिषद के अशोक सिंघल और बजरंग दल के विनय कटियार का भाषण सुना था इसके बाद हमसे कहा गया कि सरयू तट पर जाएं, स्नान करके रेत लेकर आएं. हम लोगों के सामने ढांचा टूटा और समतल हुआ. इसके बाद हम लोगों को आदेश हुआ, वापस लौटने का. निमंत्रण पत्र मिलने की खुशी जताते हुए हबीब ने कहा कि अगर मौका मिला तो प्रभु राम के दर्शन के लिए एक बार नहीं बार-बार अयोध्या जाऊंगा.