Ayodhya Ke Ram: उत्साह और उमंग से भरी अयोध्या में सुनाई दे रही राम धुन, सबसे ज्यादा खुश है कारसेवकपुरम
Ayodhya Ke Ram: अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी जोरों पर है. 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी. अयोध्या से पेश है India Daily Live के संवाददाता चंदन भारद्वाज की खास रिपोर्ट.
चंदन भारद्वाज, संवाददाता, अयोध्या: अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर हर नए दिन उत्साह और उमंग की नई तस्वीरें देखने को मिल रही हैं. वैसे तो अयोध्या के कण-कण में राम समाये हुए हैं लेकिन इन दिनों प्राण प्रतिष्ठा को लेकर जिस तरह से तैयारियां चल रही हैं उसे देखकर ऐसा प्रतीत होता है की राम आ रहे हैं.
ये जगह है खास
आज मैं अयोध्या में आपको उस स्थान पर ले कर चलता हूं जो अयोध्या में राममंदिर के पूरे संघर्ष का केंद्र रहा है, इस स्थान ने 1990 में कारसेवकों पर हनुमानगढ़ी के आगे तत्कालीन मुख्यमंत्री के आदेश पर चलाई गई गोलियों से शहीद हुए कारसेवकों के शवों को अपने आंगन में रखकर विदाई की. इसी स्थान पर 1992 के दौरान हुई कारसेवा जिसमें विवादित ढांचे को गिराया गया उसकी रणनीति तैयार की गई थी .
कही गई ये बात
आप में से जो लोग अयोध्या आए हुए हैं, वो अब तक के परिचय से समझ ही गए होंगे की मैं बात कर रहा हूं कारसेवकपुरम की. अयोध्या जब आया तो सबसे पहले मुझसे कहा गया कारसेवकपुरम जाएं मंदिर को लेकर हुआ पूरा संघर्ष वहां की दीवारें खुद बता देंगी.
याद रखा जाएगा बलिदान
उत्सुकता के साथ जब पंचकोसी परिक्रमा के किनारे स्थित एक भूखंड पर गाड़ी रुकी तो मेरे वाहन चालक ने बताया इसी जगह का नाम कारसेवकपुरम है. बिना पूछे ही उसने बताया की यहां की मिट्टी दलदली होने के कारण बहुत भीतर जाकर किसी को खोजना आसान नहीं था और इसीलिए यहां कारसेवक छिप जाते थे, और उन्हीं कारसेवकों के बलिदान को आजीवन याद रखने के लिए इस जगह का नाम कारसेवकपुरम रखा गया.
ऐसे रखा गया नाम
1990 में हुए गोलीकांड के बाद इस जमीन को विहिप (VHP) ने खरीद लिया. तत्कालीन संरक्षक मोरोपिण्डली ने इसका नाम कारसेवकपुरम रख दिया. आज इस कारसेवकपुरम के प्रवेश द्वार पर पुलिस पहरा देती है. आंदोलन के अगुवा विहिप के पूर्व अध्यक्ष दिवंगत अशोक सिंघल की तस्वीर मुख्य द्वार पर प्रमुखता से लगाई गई है.
विहिप और संघ कार्यकर्ता का जमावड़ा
कारसेवकपुरम के अंदर प्रवेश करते ही भगवा धर्म द्वार पताकाएं आपका स्वागत करती हैं. नजर एक बोर्ड पर जाती है जिसपर लिखा है भरत कुटी, यहीं से विहिप अपने तमाम कार्यों को अमलीजामा देती है और इन दिनों यहां देशभर के कोने-कोने से आए विहिप और संघ कार्यकर्ता का जमावड़ा है क्योंकि सभी की प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर ड्यूटी लगी है .
बनाई गई टेंट सिटी
कारसेवकपुरम के अंदर ही बड़ा सा भोजनालय है जहां सभी कार्यकर्ताओं के लिए तीन समय के भोजन की व्यवस्था की जाती है. प्राण प्रतिष्ठा के लिए भारत के अलग-अलग कोनों से जो साधु-संत आयेंगे उनमें से कुछ के रुकने की व्यवस्था यहां भी की गई है जिसके लिए टेंट सिटी बनाई है.
अयोध्या में उत्साह
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर इस कारसेवकपुरम में वैसा ही माहौल है जैसा किसी घर में विवाह के समय होता है. बड़ी सी स्क्रीन पर रामधुन पूरे वातावरण को राममय बनाए हुए है. हर तरफ उत्साह है, उमंग और जोश है क्योंकि सदियों की प्रतीक्षा पूरी हो रही है और रामलला एक लंबे संघर्ष के बाद अपने घर में विराजमान हो रहे हैं. रामलला के स्वागत में अयोध्या का रोम-रोम प्रफुल्लित है.