देश में कहां-कहां रहते हैं भगवान श्रीराम के वंशज? जानें उनकी वंशावली और पूरा इतिहास

हरियाणा के मेवात और अन्य इलाकों में भी भगवान के वंशज होने का दावा करने वालों की संख्या ज्यादा है. मेवात के दहंगल गोत्र के लोग खुद के भगवान श्री राम के वंशज होने का दावा करते हैं. 

Om Pratap

Ayodhya ke ram Descendants of Lord Ramlala elder son Kush: अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर का 22 जनवरी को उद्घाटन होना है, जिसका सभी को इंतजार है. उद्घाटन समारोह की तैयारियां भी पूरी हो चुकी हैं, लेकिन क्या आपको बता है कि भगवान राम के वशंज फिलहाल कहां रहते हैं? वे भगवान राम की कौन सी वीं पीढ़ी के लोग हैं? भगवान राम की वंशावली में उनका क्या स्थान है? आइए आपको इन सवालों के जवाब देते हैं.

आपको जानकर खुशी होगी कि भगवान राम के वंशज कलयुग में भी भारत में ही निवास करते हैं. दरअसल, ये दावा राजस्थान की राजधानी जयपुर के एक राजवंश ने किया है. राजवंश के परिवार का कहना है कि वे भगवान राम के वंशज हैं. आपको बता दें कि ये दावा करने वाली एक राजकुमारी हैं, जो राजस्थान सरकार में डिप्टी सीएम हैं. जी हां... राजस्थान की डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने 2019 में दावा किया था कि वे भगवान राम की वंशज हैं. उन्होंने इस संबंध में कुछ सबूत भी पेश किए थे. साथ ही भगवान राम के पूर्वजों और अपनी पूर्वजों की वंशावली पेश की थी.

दीया कुमारी की ओर से पेश किए गए वंशावली के मुताबिक, जयपुर राजघराने के लोग भगवान राम की 307वीं पीढ़ी हैं. जयपुर राजघराने की राजकुमारी वर्तमान में राजस्थान की डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने एक इंटरव्यू में खुद के भगवान राम का वशंज होने का दावा किया था. उन्होंने उस दौरान वंशावली भी प्रस्तुत की थी. उन्होंने बताया था कि मेरे पिता भवानी सिंह भगवान राम की 307वीं जबकि मैं भगवान राम की 308वीं पीढ़ी हूं. 

दीया कुमारी ने इंटरव्यू में बताया था कि जब मेरे पूर्वजों ने जयपुर बसाया था, उससे पहले हमारे पूर्वज आमेर में रहते थे, उससे पहले वे दौसा में रहते थे. उसके पहले के वंशज नरवर से आए थे. उन्होंने दावा किया था कि उनके पास हजारों साल पुरानी वंशावली है, जिसमें तमाम सवालों के जवाब मिल जाते हैं कि हमारे पूर्वज कौन थे. बता दें कि कच्छवाहा राजवंश के राजा सवाई जयसिंह ने 1727 में जयपुर को बसाया था. कहा जाता है कि ये वंश भगवान राम के छोटे पुत्र कुश के वंशज हैं.

भगवान राम की वंशावली.

भगवान राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के बेटों को मिले थे ये राज्य

इतिहास की किताबों के मुताबिक, भगवान राम ने अपने जुड़वा बेटों में से छोटे कुश को दक्षिण कौशल, कुशस्थली (कुशावती) अयोध्या की सत्ता सौंपी थी, जबकि बड़े बेटे लव को पंजाब की जिम्मेदारी दी थी.. लव ने लाहौर को अपने राज्य की राजधानी बनाया था. वहीं, भगवान राम के भाई भरत के बेटे तक्ष को तक्षशिला और पुष्करावती (पेशावर) में पुष्कर का राज सौंपा गया था. वहीं, लक्ष्मण के पुत्रों को हिमाचल दिया गया था, जबकि शत्रुघ्न के बेटे सुबाहु को मथुरा दिया गया था. वहीं, उनके दूसरे पुत्र शत्रुघाती का भेलसा (विदिशा) के सिंहासन पर बिठाया गया था.

भगवान राम की वंशावली.

भगवान राम के दोनों बेटों से कौन सा वंश चला?

शास्त्रों के मुताबिक, भगवान राम के छोटे कुश से कुशवाहा, मौर्य, सैनी, शाक्य वंश की स्थापना हुई. वर्तमान में भारत रहने वाले सिसोदिया, कुशवाह (कच्छवाहा), मौर्य, शाक्य, बैछला (बैसला) और गैहलोत (गुहिल) आदि भगवान श्रीराम के ही वंशज माने जाते हैं. इसके अलावा, सूर्य वंश भी कुश से संबंधित बताया जाता है. शल्य को कुश की 50वीं पीढ़ी माना जाता है, जिन्होंने महाभारत में कौरवों की ओर से लड़ाई लड़ी थी. माना जाता है कि भगवान राम के छोटे पुत्र कुश महाभारत से 2500 से 3000 वर्ष पूर्व हुए थे.

वहीं, भगवान राम के बड़े बेटे लव से राघव राजपूतों का जन्म माना जाता है, जिनमें बड़गुजर, जयास और सिकरवार वंश की स्थापना हुई. 

भगवान राम के वशंज हैं दीया कुमारी के पूर्वज

राजस्थान की डिप्टी सीएम दीया कुमारी का दावा है कि उनके पूर्वज श्रीराम के वशंज हैं. कुछ समय पहले महारानी पद्मिनी ने भी एक इंटरव्यू में कहा था कि उनके पति भवानी सिंह भगवान श्रीराम के छोटे कुश के 307वें वंशज थे. दीया कुमारी ने जो वंशावली दिखाई थी, उसके मुताबिक, वंशावली में राजा दशरथ का नंबर 62वां, भगवान श्रीराम का 63वां, कुश का 64वां है. वहीं सवाई जयसिंह का नंबर 289वां, जबकि दीया कुमारी के पिता भवानी सिंह 307वां है. 

दीया कुमारी के दावे के मुताबिक, उनके राजमहल के पोथीखाने में कुल 9 ऐसे दस्तावेज और 2 ऐसे नक्शे रखे हुए हैं, जो साबित करते हैं कि अयाेध्या का जयसिंहपुरा और राम जन्मस्थान पर सवाई जयसिंह द्वितीय का अधिकार था. वहीं, इतिहासकार आर नाथ की किताब 'द जयसिंहपुरा ऑफ सवाई राजा जयसिंह एट अयाेध्या; के मुताबिक, अयाेध्या की राम जन्मभूमि पर जयपुर के कच्छवाहा वंश का अधिकार था. 

भगवान राम की वंशावली.

2019 में दीया कुमारी ने किया था दावा

दरअसल, 2019 में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद की सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने सवाल पूछा था कि क्या भगवान राम के वंश का कोई शख्स अयोध्या में रहता है. इसके बाद राजकुमारी दीया कुमारी ने ट्विटर पर ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी थी कि उनका परिवार भगवान राम का वंशज है.

2019 में किया गया दीया कुमारी का सोशल मीडिया पोस्ट.

कच्छवाहा यानी कुशवाहा वंश के संस्थापक माने जाते हैं कुश

भगवान श्रीराम के छोटे बेटे कुश को कच्छवाहा यानी कुशवाहा वंश का संस्थापक माना जाता है. कहा जाता है कि उनके नाम पर ही वंश का नाम रखा गया. बता दें कि इतिहासकार आर नाथ की किताब में ये भी दावा है कि जयसिंहपुरा में ही भगवान राम की जन्मस्थली है. दीया कुमारी की ओर से पेश किए गए एक नक्शे में अयोध्या की पुरानी हवेली का जिक्र है. नक्शे में अयोध्या के कुछ अन्य स्थानों का भी जिक्र है. इनमें किला, महल, रामकोट, धुनषाकार प्रवेशद्वार, भगवान राम की खड़ाऊ का स्थान, माता सीता का स्नानागार व 9 मंजिला महल, भगवान राम के शिक्षा ग्रहण करने का स्थान और सीता का अग्नि कुंड भी है.

जयपुर रियासत के आखिरी शासक की पोती हैं दीया कुमारी

दीया कुमारी अंग्रेजों के शासन के दौरान जयपुर रियासत के आखिरी शासक महाराजा मान सिंह द्वितीय की पोती हैं. दीया कुमारी के तीन बच्चे हैं, जिनमें दो बेटे (पद्मनाभ सिंह और लक्ष्यराज प्रकाश सिंह) और एक बेटी गौरवी कुमारी हैं. 

बता दें कि दीया कुमारी के परिवार के अलावा कई ऐसे वंश हैं, जो खुद को भगवान श्रीराम के वंशज बताते हैं. हरियाणा के मेवात और अन्य इलाकों में भी भगवान के वंशज होने का दावा करने वालों की संख्या ज्यादा है. मेवात के दहंगल गोत्र के लोग खुद के भगवान श्री राम के वंशज होने का दावा करते हैं. 

भगवान श्रीराम के वंशज होने का दावा करने वालों में कई मुस्लिम भी हैं, जिन्होंने पूर्व में अपना धर्म बदलकर इस्लाम स्वीकार कर लिया और खुद को भगवान राम का ही वशंज बताते हैं. उत्तर प्रदेश के लखनऊ के कुछ वैज्ञानिकों ने फ्लोरिडा और स्पेन के साइंटिस्ट्स के साथ मिलकर एक डीएनए रिसर्च किया था, जिसके आधार पर निष्कर्ष निकाला गया था कि उत्तर प्रदेश के 65 फीसदी मुस्लिम ब्राह्मण, राजपूत, कायस्थ, खत्री, वैश्य और दलित वंश से संबंध रखते हैं.