Ayodhya Ke Ram: कांग्रेस ने 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह से दूरी बना ली है. कांग्रेस ने बुधवार को एक बयान जारी कर इसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी का कार्यक्रम बताया. हालांकि, ये पहली बार नहीं है जब कांग्रेस ने इस तरह के आयोजन का बहिष्कार किया है. इससे पहले भी कई मौकों पर कांग्रेस का बहिष्कार वाला अंदाज नजर आया है.
भारतीय जनता पार्टी ने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से दूरी बनाने के फैसले को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है. इतना ही नहीं बीजेपी ने तमाम ऐसे मौके गिनाए, जब कांग्रेस ने इस तरह के बड़े आयोजनों का बहिष्कार किया.
बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने गुरुवार (11 जनवरी) को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि कांग्रेस नकारात्मक राजनीति करती है और हर चीज का बहिष्कार कर रही है इसलिए जनता ने कांग्रेस का बहिष्कार कर दिया है. उन्होंने कहा कि यह गांधी (महात्मा गांधी) की नहीं बल्कि नेहरू (जवाहरलाल नेहरू) की कांग्रेस है. उन्होंने कांग्रेस की ओर से बहिष्कार किए गए सभी कार्यक्रमों को भी गिनाया.
#WATCH via ANI Multimedia | BJP's Sudhanshu Trivedi rains fire at Congress for not accepting Ram Temple consecration invitation#bjp #sudhanshutrivedi #rammandirhttps://t.co/qi8Q4cTEny
— ANI (@ANI) January 11, 2024
- जनवरी 2024: राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, अधीर रंजन चौधरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण मिला था. कांग्रेस ने इस आयोजन से दूरी बनाने का फैसला किया है.
- सितंबर 2023: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा G-20 समिट के दौरान रात्रिभोज का आयोजन किया गया था. इसके लिए कांग्रेस के कई नेताओं को निमंत्रण भेजा गया था. लेकिन कांग्रेस शासित प्रदेशों समेत तमाम नेता इसमें शामिल नहीं हुए थे. हालांकि, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह इस कार्यक्रम में पहुंचे थे.
- मई 2023: नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार- इसी तरह मई 2023 में नई संसद का उद्घाटन हुआ था. कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियों ने इसका बहिष्कार किया था. इन पार्टियों का कोई भी नेता नई संसद के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल नहीं हुआ था.
- जनवरी 2021: कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने संसद के संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया था.
- दिसंबर 2020: कांग्रेस ने नई संसद भवन के भूमि पूजन समारोह का भी बहिष्कार किया था.
- अगस्त 2019 : प्रणब मुखर्जी को जब भारत रत्न दिया गया था, तब इस समारोह में मनमोहन सिंह, राहुल गांधी और सोनिया गांधी अनुपस्थित रहे थे. हालांकि कई अन्य कांग्रेस इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे.
- जून 2017: कांग्रेस ने GST लागू होते वक्त संसद के सत्र का बहिष्कार किया था.
-1951: जवाहर लाल नेहरू कथित तौर पर सोमनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार कार्यक्रम में राजेंद्र प्रसाद की उपस्थिति के खिलाफ थे. इसलिए उन्होंने इस आयोजन से दूरी बनाने का फैसला किया था.
- 2004 के बाद 2009 तक कांग्रेस ने कारगिल विजय दिवस का बहिष्कार किया.
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, कांग्रेस की बहिष्कार करने वाली परंपरा रही है. मई 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार के नेतृत्व में हुए पोखरण परमाणु परीक्षण के बाद 10 दिन तक कांग्रेस ने कोई बयान नहीं दिया था.
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