Ayodhya Ke Ram: अयोध्या में भगवार राम के भव्य और दिव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य अंतिम दौर में है. 22 जनवरी को भगवान प्रभु राम अपने भव्य मंदिर में विराजमान होंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) पूरे विधि विधान से रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे. अब ऐसे में एक तरफ जहां करोड़ों लोगों का सपना पूरा हो रहा है वहीं पीएम मोदी का भी एक संकल्प पूरा होने जा रहा है.
बता दें कि, नरेंद्र मोदी के लिए 14 जनवरी महज एक तारीख नहीं है ये उनके संकल्प का दिन है. 32 सालों का लंबा इंतजार है जो 22 जनवरी को खत्म होने जा रहा है. आज से 32 साल पहले 14 जनवरी 1992 को ही नरेंद्र मोदी कन्याकुमारी से कश्मीर तक एकता यात्रा निकालते हुए अयोध्या में राम जन्मभूमि पहुंचे थे. उनके जीवन में इस दिन का क्या महत्व है. चलिए हम आपको बताते हैं.
कन्याकुमारी से कश्मीर तक एकता यात्रा निकाली जा रही थी. 14 जनवरी साल 1992 के दिन नरेंद्र मोदी अयोध्या राम जन्मभूमि पहुंचे थे. जय श्री राम के नारे गूंज रहे थे. भगवान राम टेंट में विराजमान थे और नरेंद्र मोदी उस पल काफी देर तक भगवान राम को निहारते रहे. दर्शन के बाद जब एक पत्रकार ने उनसे पूछा कि अब आप दोबारा वापस कब आएंगे तो नरेंद्र मोदी ने जो जवाब दिया उसे सुन सब दंग रह गए. उन्होंने कहा था कि मंदिर बनने के बाद ही लौटूंगा. हालांकि, पीएम मोदी 5 अगस्त 2020 को राम जन्मभूमि के भूमि पूजन में पहुंचे थे.
32 साल के बाद अब जाकर नरेंद्र मोदी का संकल्प पूरा हो रहा है. राम जन्मभूमि पर भगवान राम का भव्य मंदिर बनकर तैयार है. राम मंदिर के निर्माण की शुरुआत से लेकर प्राण प्रतिष्ठा तक सारा काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में ही पूरा हुआ. 22 जनवरी 2024 को वो अपने इस संकल्प को पूरा करते हुए राम मंदिर का उद्घाटन करेंगे. देश ही नहीं बल्कि दुनिया में राम मंदिर को लेकर खासा उत्साह देखने को मिल रहा है.