Ayodhya Ke Ram: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अयोध्या (Ayodhya) में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं. 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में सुरक्षा के लिए आधुनिकतम तकनीकी एआई बेस्ड कैमरों से निगरानी होगी. मंदिर की सुरक्षा और उसकी संवेदनशीलता को देखते हुए लंबे समय तक आर्टिफिशल इंटेलिजेंस आधारित निगरानी की संभावना है. आने वाले समय में यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में जैसे-जैसे बढ़ोत्तरी होगी वैसे-वैसे ये स्थान सुरक्षा के लिहाज से और संवेदनशील होता जाएगा.
यूपी पुलिस अयोध्या की सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता बनाने के लिए पूरी तरह से मुस्तैद है. एक अधिकारी के मुताबिक राम मंदिर को लेकर खतरे की आशंका मंदिर निर्माण के बाद पहले से अधिक हो गई है, इसलिए यहां पर आने वाले हर व्यक्ति और गतिविधि पर निगरानी रखने की जरूरत है. एआई बेस्ड कैमरों से हर उस संदिग्ध गतिविधि, व्यक्ति, संदिग्ध वस्तुओं और समूहों पर नजर रखी जा सकेगी जो किसी भी तरह से मंदिर परिसर के लिए खतरा हो सकता है.
22 जनवरी के कार्यक्रम को देखते हुए सुरक्षा इंतजामों को लेकर केंद्रीय और राज्य की खुफिया व सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों ने अभी से अयोध्या में डेरा डाल दिया है. 22 जनवरी की सुरक्षा के लिए 15 जनवरी से ही सख्ती शुरू हो जाएगी. कार्यक्रम के दिन 26 अर्धसैनिक और पीएसी कंपनियों के साथ-साथ लगभग 8000 सिविल पुलिस कर्मियों की तैनाती की जाएगी. इसके अलावा, यूपी एंटी टेरर स्क्वॉड (एटीएस), स्पेशल टास्क फोर्स और एनएसजी की टीमें भी तैनात की जाएंगी.
सुरक्षा के लिहाज से पूरी अयोध्या को रेड और येलो जोन में बांटा गया है. मंदिर परिसर के अंदर वर्तमान में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 6 कंपनी, पीएसी की 3 कंपनी और यूपी एसएसएफ की 9 कंपनियों के साथ-साथ सिविल पुलिस के 304 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. इसके अलावा एक प्लाटून पीएसी कमांडो को स्थायी रूप से रेड जोन में तैनात किया गया है. साथ ही बम निरोधक दस्ते, एंटी सैबोटाज की दो-दो टीमों, पुलिस रेडियो संचार के चार कर्मी और 47 अग्निशमन कर्मियों को तैनात किया गया है. मंदिर परिसर के अलावा येलो जोन में सुरक्षा के लिए 34 एसआई, 71 हेड कॉन्स्टेबल और 312 कॉन्स्टेबल को तैनात किया गया है. 22 जनवरी को इन सुरक्षाकर्मियों के अलावा राज्य पुलिस और अर्धसैनिक बलों के 11,000 से अधिक कर्मियों और अधिकारियों को तैनात किए जाने की संभावना है.
यूपी पुलिस 22 जनवरी को होने वाले आयोजन से करीब सप्ताह भर पहले ही अयोध्या की तरफ आने वाले ट्रैफिक का डायवर्जन शुरू कर देगी. ये डायवर्जन लखनऊ और कानपुर से लागू होंगे. राम मंदिर जहां स्थित है, उस रेड जोन में मैनुअल के साथ-साथ वीडियो निगरानी पहले से ही की जा रही है. हर गतिविधि पर निगरानी रखने के लिए स्थानीय खुफिया इकाई (एलआईयू) के 38 अधिकारियों को तैनात किया गया है. इसके अलावा टैक्सी चालकों, ई-रिक्शा चालकों, होटल कर्मचारियों, भिखारियों, पुजारियों, राम मंदिर के आसपास रहने वालों में से प्रत्येक व्यक्ति का सत्यापन हो रहा है.