Ayodhya Ke Ram: 85 साल की 'मौनी माता' की पूरी हुई 'तपस्या', 30 साल बाद तोड़ेंगी मौन व्रत, रामलला से है कनेक्शन

झारखंड के धनबाद की 85 साल की सरस्वती देवी की 30 साल की 'तपस्या' अब पूरी होने वाली है. सरस्वती देवी को 'मौनी माता' के नाम से भी जाना जाता है. दरअसल, तीन दशक पहले उन्होंने एक प्रण लिया था, जो अब जल्द ही पूरा होने वाला है.

Om Pratap

Ayodhya Ke Ram 85 year old mauni mata saraswati devi maun vrat break: झारखंड के धनबाद की 85 साल की सरस्वती देवी की 30 साल की 'तपस्या' अब पूरी होने वाली है. सरस्वती देवी को 'मौनी माता' के नाम से भी जाना जाता है. दरअसल, तीन दशक पहले उन्होंने एक प्रण लिया था, जो अब जल्द ही पूरा होने वाला है. बता दें कि सरस्वती देवी का प्रण था कि जब तक राम मंदिर नहीं बन जाता, वो मौन व्रत रखेंगी. अब 22 जनवरी को राम मंदिर के उद्घाटन के दिन वे अपना मौन व्रत तोड़ेंगी.

देश की आर्थिक कोयला राजधानी धनबाद के करमाटांड़ की रहने वाली सरस्वती देवी के परिजन के मुताबिक, 1990 के दशक में जब अयोध्या में विवादित ढांचे को कारसेवकों ने गिराया था, तब भगवान राम की अटूट भक्त सरस्वती देवी ने प्रतिज्ञा ली थी कि राम मंदिर निर्माण नहीं होने तक वे मौन व्रत धारण करेंगी. परिजन ने बताया कि तीन दशक पहले जो प्रतिज्ञा सरस्वती देवी ने ली थी, वो अब जल्द ही पूरी होने वाली है. भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद उनकी ये 'तपस्या' पूरी हो जाएगी.

राम मंदिर ट्रस्ट ने सरस्वती देवी को भेजा निमंत्रण

परिजन के मुताबिक, मौन व्रत के दौरान सरस्वती देवी अयोध्या, काशी, मथुरा, तिरूपति बालाजी और बाबा बैद्यनाथ धाम का दौरा कर चुकी हैं. जानकारी के मुताबिक, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से सरस्वती देवी को रामलला प्राण प्रतिष्ठा और मंदिर उद्घाटन के लिए विशेष रूप से आमंत्रित किया है.

उधर, राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर सरस्वती देवी ने भी खुशी जताई. उन्होंने कागज के एक टुकड़े पर पीएम मोदी का नाम लिखा, साथ ही मंदिर निर्माण को लेकर खुशी का इजहार किया. परिजन के मुताबिक, सरस्वती देवी के पति देवकीनंदन अग्रवाल का 1986 में निधन हो गया था. इसके बाद उन्होंने अपना बाकी का जीवन भगवान राम को समर्पित कर दिया. सरस्वती देवी आठ बच्चों की मां हैं. परिजन के मुताबिक, भव्य राम मंदिर के उद्घाटन के बाद सरस्वती जो पहला शब्द बोलेंगी, वो 'सीता राम' होगा.