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Aurangzeb Row: 'शांतिप्रिय शहर को अशांत बनाया जा रहा', नागपुर में भड़की हिंसा पर कांग्रेस ने राज्य सरकार को घेरा

महाराष्ट्र के नागपुर में मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर छिड़े विवाद के बीच नागपुर में हिंसा भड़क उठी. इस बीच, दो गुटों के बीच जमकर झड़प के बाद पत्थरबाजी हुई है. इस पूरे घटनाक्रम पर कांग्रेस ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है.

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Edited By: Garima Singh
Congress targeted state BJP
Courtesy: X

Aurangzeb Kabar Row: महाराष्ट्र के नागपुर में मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर छिड़े विवाद के बीच नागपुर में हिंसा भड़क उठी. इस बीच, दो गुटों के बीच जमकर झड़प के बाद पत्थरबाजी हुई है.

मौके पर मौजूद कई गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई है. पत्थरबाजी की खबर मिलने पर आनन-फानन में भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंचा. शुरुआती जांच के मुताबिक, औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद शुरू हुआ जो फिर हिंसा का रूप ले लिया.

कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशाना

इस पूरे घटनाक्रम पर कांग्रेस ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस विधायक विजय वडेट्टीवार ने कहा, "नागपुर एक शांतिप्रिय शहर है, लेकिन सत्ता समर्थित संगठनों द्वारा इसे अशांत किया जा रहा है. यह सरकार के मंत्रियों की बेतुकी बयानबाजी का नतीजा है। मुख्यमंत्री को ऐसे मंत्री को तुरंत कैबिनेट से बाहर करना चाहिए."

हिंसा की शुरुआत कैसे हुई?

मध्य नागपुर के महल इलाके में दो गुटों के बीच झड़प उस समय हुई, जब विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन के कुछ ही घंटे बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया. इसके बाद पत्थरबाजी शुरू हो गई और कई वाहन आग के हवाले कर दिए गए, जिनमें से कुछ दमकल विभाग के थे. फायर ब्रिगेड कर्मियों को भी इस दौरान चोटें आईं. स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल किया, जिसके बाद हिंसा पर काबू पाया गया.

औरंगजेब पर विवाद कैसे शुरू हुआ?

यह पूरा विवाद समाजवादी पार्टी के नेता अबू आज़मी की उस टिप्पणी के बाद तेज हुआ, जिसमें उन्होंने कहा था कि "औरंगजेब एक अच्छे प्रशासक थे, लेकिन इतिहास में उन्हें गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है." उनकी यह टिप्पणी तब आई, जब विक्की कौशल अभिनीत फिल्म ‘छावा’ में संभाजी महाराज पर हुए अत्याचारों को दिखाया गया, जिससे औरंगजेब को लेकर विवाद और गहरा गया. अबू आज़मी के खिलाफ पुलिस में मामले दर्ज किए गए और मुंबई की एक अदालत ने उन्हें अग्रिम जमानत दे दी है.