कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर सुप्रीम कोर्ट को जानबूझकर निशाना बनाने का आरोप लगाया. यह बयान बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे की टिप्पणियों के जवाब में आया. रमेश ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी सुप्रीम कोर्ट को “कमजोर” करने की कोशिश कर रही है, क्योंकि उसने इलेक्टोरल बॉन्ड जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार को जवाबदेह ठहराया है. उन्होंने पत्रकारों से कहा, “वे सुप्रीम कोर्ट को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं. बीजेपी संविधान द्वारा सुप्रीम कोर्ट को दी गई शक्तियों को कम करने और उन्हें नष्ट करने में लगी है.”
सुप्रीम कोर्ट की स्वतंत्रता पर जोर
निशिकांत दुबे का विवादित बयान
इससे पहले, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट पर “धार्मिक युद्ध” भड़काने का आरोप लगाकर अपनी आलोचना को और तीखा किया. उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, “अनुच्छेद 368 के तहत केवल संसद को कानून बनाने का अधिकार है. सुप्रीम कोर्ट का काम कानून की व्याख्या करना है. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट कह रहा है कि राष्ट्रपति को तीन महीने में फैसला करना चाहिए, और राज्यपाल को तीन महीने में फैसला करना चाहिए.”
सनातन परंपरा का जिक्र
दुबे ने कहा कि भारत भगवान राम, कृष्ण, सीता, राधा, 12 ज्योतिर्लिंगों और 51 शक्ति पीठों की परंपराओं में गहराई से निहित है. उन्होंने आरोप लगाया, “जब राम मंदिर का मुद्दा आता है, आप (सुप्रीम कोर्ट) कहते हैं ‘दस्तावेज दिखाओ’; जब मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि का मामला आता है, आप कहते हैं ‘दस्तावेज दिखाओ’; जब ज्ञानवापी मस्जिद की बात आती है, आप फिर कहते हैं ‘दस्तावेज दिखाओ’. लेकिन जब मुगलों के आने के बाद बनी मस्जिदों की बात आती है, तो आप कहते हैं कि दिखाने के लिए कोई दस्तावेज नहीं हैं.”