Assembly Bypolls: लोकसभा चुनावों के बाद अब देश 13 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. यहां एक बार फिर से NDA बनाम INDIA होने वाला है. लोकसभा चुनाव के नतीजों में भाजपा बहुमत से चूक गई. जबकि, कांग्रेस ने अपनी सीटों की संख्या उल्लेखनीय सुधार किया. अब दोनों गठबंधन खासतौर से बीजेपी और कांग्रेस के लिए अपनी साख बचाने और अपने दम को दिखाने के लिए एक और मौका है. सात राज्यों में 13 विधानसभा सीटों पर 10 जुलाई को हो रहा उपचुनाव इनके लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई है. ऐसे में एक बार फिर NDA vs INDIA देखने को मिलेगा.
उपचुनाव वाली सीटें विभिन्न दलों के विधायकों की मृत्यु या इस्तीफे के साथ लोकसभा चुनाव लड़ने के कारण खाली हुई हैं. इन 13 में कुछ खास सीटों पर ये लड़ाई प्रतिष्ठा की है. यहां मुकाबला भी रोचक हो सकता है. आइये समझे इन सीटों के बारे में सब कुछ
मानिकतला की बात करें तो ये TMC नेता साधन पांडे के निधन से खाली हुई है. यहां से उनकी पत्नी सुप्ती पांडे को लड़ाया जा रहा है. उनके खिलाफ फुटबॉल महासंघ प्रमुख कल्याण चौबे को मैदान में हैं. 2021 में चौबे भाजपा की टिकट से चुनाव लड़े थे लेकिन हार गए थे. मानिकतला टीएमसी का गढ़ रहा है.
रायगंज सीट में टक्कर देखने को मिल सकती है. 2021 में यहां से भाजपा के कृष्ण कल्याणी ने जीत हासिल की थी. 2024 आम चुनाव में वो BJP छोड़कर TMC से चुनाव लड़े हैं और हार गए. TMC ने उन्हें उपचुनाव में फिर से मैदान में उतारा है. वहीं भाजपा ने मानस कुमार घोष को मैदान में उतारा है.
बागदा में 2021 में भाजपा के विश्वजीत दास ने जीत दर्ज की थी. वे भी लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए TMC में चले गए लेकिन हार का सामना करना पड़ा. अब बागदा उपचुनाव के लिए टीएमसी ने मधुपर्णा ठाकुर को मौका दिया है. वहीं भाजपा ने स्थानीय नेता बिनय कुमार विश्वास को लड़ाया है.
राणाघाट दक्षिण से भाजपा के मुकुट मणि अधिकारी ने जीता था. ये भी लोकसभा लड़ने के लिए TMC में चले गए थे. हालांकि, भाजपा उम्मीदवार के हाथों उन्हें हारना पड़ा. एक बार फिर वो TMC की टिकट से मैदान में हैं. वहीं भाजपा ने मनोज कुमार बिस्वास पर दांव लगाया है.
सबसे हाई-प्रोफाइल सीटों में से एक हिमाचल प्रदेश की देहरा हैं. यहां कांग्रेस ने सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर को मैदान में उतारा है. 2022 के विधानसभा चुनाव में देहरा से निर्दलीय लड़े होशियार सिंह चंब्याल भाजपा के उम्मीदवार हैं.
हमीरपुर सीट से भाजपा ने पूर्व निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा को टिकट दिया है. वहीं कांग्रेस ने उनका मुकाबला करने के लिए वरिष्ठ कार्यकर्ता पुष्पेंद्र वर्मा को मैदान में उतारा है.
इसी तरह भाजपा ने नालागढ़ से पूर्व निर्दलीय विधायक केएल ठाकुर को टिकट दिया गया है.उनका मुकाबला कांग्रेस के हरदीप सिंह बावा से होने वाला है. इन सीटों पर सत्तारूढ़ कांग्रेस का कब्जा प्रतिष्ठा के लिए जरूरी है.
बद्रीनाथ सीट कांग्रेस विधायक राजेंद्र भंडारी भाजपा में शामिल होने के बाद खाली हुई थी. वहीं मंगलौर सीट पर उपचुनाव बसपा विधायक सरवत करीम अंसारी के निधन के कारण हो रहा है. भाजपा ने बद्रीनाथ से भंडारी और मंगलौर सीट से करतार सिंह भड़ाना का मैदान में उतारा है. वहीं कांग्रेस ने बद्रीनाथ सीट के लिए लखपत बुटोला और मंगलौर सीट से काजी निजामुद्दीन को चुनाव लड़ाया है. इसके अलावा बसपा ने मंगलौर सीट पर उबेदुर रहमान को उतार मुकाबला रोचक कर दिया है.
डीएमके विधायक एन पुघाजेंथी का निधन हो गया था. इस कारण विक्रवंदी सीट खाली हुई है. एक बार फिर यहां से DMK ने जीत का भरोसा लेकर अन्नियुर शिवा को चुनाव लड़ाया है. वहीं एआईएडीएमके ने ये उपचुनावों से अपने आप को वापस खींच लिया है. जबकि, NDA के घटक PMK ने ओबीसी वन्नियार समुदाय से पार्टी उपाध्यक्ष सी अंबुमणि को मैदान में उतारा है.
जालंधर पश्चिम आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक शीतल अंगुराल भाजपा में शामिल हो जाने के बाद रिक्त हो गई थी. अब यहां से अंगुराल फिर से चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं AAP ने भाजपा सदस्य मोहिंदर भगत पर दांव खेला है. कांग्रेस ने यहां से पार्षद सुरिंदर कौर को उम्मीदवार बनाया है. कांग्रेस इस लोकसभा चुनाव में यहां से मजबूत हुई है. ऐसे में पार्टी के लिए बड़ी आस है.