असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के मोर्चा खोलने के बाद मेघालय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (USTM) के मालिक महबूब उल हक को असम पुलिस द्वारा गुवाहाटी में उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया गया है. असम पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की कि श्रीभूमि जिले में हक के खिलाफ दर्ज हुए एक मामले को लेकर शुक्रवार को उन्हें गिरफ्तार किया गया है.
बता दें कि पिछले साल से सरमा द्वारा हक पर लगातार हमले किए जा रहे थे. सीएम ने आरोप लगाया था कि यूनिवर्सिटी के निर्माण के लिए जंगलों और पहाड़ियों की कटाई की गई जिसके कारण गुवाहाटी में अचानक बाढ़ आ गई. उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि विश्वविद्यालय के मेन गेट पर जो गुंबद बने हैं वो जिहाद का संकेत देते हैं.
गिरफ्तारी का कारण
असम पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की कि महबूब उल हक को शुक्रवार को श्रीभूमि जिले में दर्ज एक मामले में गिरफ्तार किया गया. यह मामला केंद्रीय पब्लिक स्कूल, पाथरकांडी क्षेत्र में सीबीएसई कक्षा 12वीं के भौतिक विज्ञान परीक्षा के दौरान उत्पन्न कानून-व्यवस्था की स्थिति से संबंधित था. पुलिस के अनुसार, यह स्कूल हक द्वारा स्थापित शिक्षा और शोध विकास (ERD) फाउंडेशन द्वारा चलाया जाता है, जो USTM का संचालन भी करता है.
आरोप और गिरफ्तारी
पुलिस ने बताया कि स्कूल में 274 छात्र परीक्षा में बैठे थे, जिनमें से 214 छात्र विशेष कोचिंग कार्यक्रम 'विजन 50' में नामांकित थे, जिसे USTM द्वारा चलाया जाता है. आरोप यह था कि छात्रों ने दावा किया कि उन्हें परीक्षा में पास होने के लिए सहायक सामग्री का वादा किया गया था, जो उन्हें नहीं दी गई. इससे कानून-व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हुई, जिसे पुलिस ने गंभीर आपराधिक साजिश का हिस्सा बताया.
मुख्यमंत्री सरमा के हमले
महबूब उल हक की गिरफ्तारी कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा द्वारा उन पर किए गए हमलों के बाद हुई. सरमा ने पिछले सप्ताह आरोप लगाया था कि USTM धोखाधड़ी कर रहा है और छात्रों को 'फर्जी प्रमाणपत्र' और 'डिग्रियां' जारी कर रहा है. इसके बाद USTM ने इन आरोपों को निराधार करार दिया.
'फ्लड जिहाद' का विवाद
पिछले साल अगस्त में सरमा ने ‘फ्लड जिहाद’ शब्द का इस्तेमाल करते हुए USTM पर आरोप लगाया था कि उसके निर्माण कार्य के कारण गुवाहाटी में बाढ़ आई थी. उनका कहना था कि विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए पेड़ काटे गए और पहाड़ों को खोदा गया, जिससे बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हुई.
सरमा के बयान और आरोप
सरमा ने एक सप्ताह बाद अपने हमलों को और तेज कर दिया. उन्होंने विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर स्थित तीन गुंबदों को लेकर भी विवादित टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा, "यह शर्मनाक है कि यहां ‘मक्का’ के नीचे से गुजरना पड़ता है. क्यों न यहां एक नमघर और चर्च भी बनवाया जाए?" सरमा के इस बयान पर विवाद खड़ा हो गया और उन्होंने महबूब उल हक के खिलाफ 1992 में ओबीसी प्रमाणपत्र गलत तरीके से प्राप्त करने का आरोप भी लगाया.