असम संयुक्त विपक्ष मंच ने CAA नियमों की प्रस्तावित अधिसूचना पर राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा
CAA: असम के संयुक्त विपक्ष मंच ने गुरुवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक ज्ञापन सौंपा.
CAA: असम के संयुक्त विपक्ष मंच ने गुरुवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के प्रस्तावित अधिसूचना नियमों के खिलाफ भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक ज्ञापन सौंपा.
इसके साथ ही असम में 16 विपक्षी दलों ने बुधवार को इस संबंध में एक महत्वपूर्ण बैठक की. उन्होंने सीएए के प्रस्तावित अधिसूचना नियमों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज करने का फैसला किया.
इन 16 दलों ने किया विरोध
कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, वामपंथी दल, रायजोर दल, असम जातिया परिषद (AJP) सहित अन्य 16 विपक्षी दलों के नेताओं ने आज असम के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से मुलाकात की उनको राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा. सभी दलों ने राज्यपाल से अनुरोध किया कि CAA को राज्य में लागू नही किया जाना चाहिए.
विपक्षी मंच ने कहा, ''हम विपक्षी राजनीतिक दल और असम के लोग यहां रहते हैं, हम सभी 2019 संसद में इसके शुरूआत के पहले दिन से ही इस असंवैधानिक नागरिकता संशोधन कानून का बहुत ही स्पष्टता से विरोध कर रहे हैं. दुर्भाग्य से सत्तारूढ़ भाजपा सरकार ने संसद के दोनों सदनों में अपने बहुमत का फायदा उठाते हुए असम के लोगों की भावनाओं को नजरअंदाज करते हुए विधेयक पारित कर दिया है.
जिसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री ने हाल ही में घोषणा की है कि सीएए लागू होने जा रहा है. यह कानून यहां के इतिहास, संस्कृति, सामाजिक परिवेश को खतरे में डालने वाला है. 1985 के ऐतिहासिक असम समझौते ने कपड़ा, अर्थव्यवस्था और असमिया लोगों की पहचान दी. इसलिए, हम सभी विपक्षी राजनीतिक दल आपसे इस अति संवेदनशील मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह करते हैं."
Also Read
- Lok Sabha Elections 2024: कैसे कांग्रेस की खेवनहार बन रहीं प्रियंका गांधी, बार-बार रोक रही पार्टियों की फूट
- SC on Digital Monitoring: 'अगर दोबारा किया तो 5 लाख का जुर्माना..' सासंदों की डिजिटल निगरानी करने वाली याचिका पर क्यों भड़का सुप्रीम कोर्ट
- Rajasthan News: सिर्फ 7 दिन ही टिका आम आदमी की तरह ट्रैफिक में चलने का फैसला, क्यों सीएम भजनलाल को लेना पड़ा U-टर्न