Assam Floods Situation: असम में बाढ़ से 14 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 5 लाख से अघिक लोग प्रभावित हुए हैं. नागांव राज्य का सबसे अधिक प्रभावित जिला है, जहां की 3 लाख से अधिक आबादी बाढ़ से प्रभावित है, इसके बाद कछार है जहां प्रभावितों की संख्या एक लाख से अधिक है. पिछले दो दिनों में हुई कम बारिश के कारण असम में बाढ़ की स्थिति में रविवार को थोड़ा सुधार हुआ. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) के अनुसार, असम के 14 जिलों के 5 लाख 35 हजार 246 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं.
जिला अधिकारियों के अनुसार, कुछ लोग अभी भी लापता हैं. ASDMA के अनुसार, शनिवार को प्रभावित लोगों की संख्या 6 लाख 01 हजार 642 थी, जो रविवार को कम हो गई. अधिकारियों ने बताया कि ब्रह्मपुत्र और बराक समेत प्रमुख नदियां खतरे के निशान से नीचे बह रही हैं. बाढ़ प्रभावित 14 जिलों में हैलाकांडी, करीमगंज, होजई, धेमाजी, कामरूप, डिब्रूगढ़, नागांव, मोरीगांव, कछार, दक्षिण सलमारा, कार्बी आंगलोंग पश्चिम, गोलाघाट और दीमा-हसाओ शामिल है.
असम के जल संसाधन मंत्री पीयूष हजारिका बाढ़ प्रभावित जिलों का दौरा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि 13 जिलों में पुनर्निर्माण कार्य चल रहा है, हम पीड़ितों को पर्याप्त सहायता प्रदान कर रहे हैं. हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह ने बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया और पर्याप्त सहायता का आश्वासन दिया. राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की एक टीम शनिवार को असम के बराक घाटी क्षेत्र में पहुंची और अधिकारियों ने कहा कि वे स्थिति सामान्य होने तक यहीं रहेंगे.
भारी बारिश के कारण दीमा हसाओ जिले में बड़े पैमाने पर भूस्खलन की खबर है, जिससे बराक घाटी और असम के बाकी हिस्सों के बीच रेल और सड़क संपर्क बाधित हो गया है. अधिकारियों के अनुसार, रेलवे ट्रैक अब बेहतर स्थिति में हैं और कुछ फंसी हुई ट्रेनों को पास कर दिया गया है.
जिला अधिकारियों के अनुसार, बाढ़ प्रभावित 13 जिलों के करीब 40,000 लोगों ने 275 राहत शिविरों में शरण ली है और बाढ़ से प्रभावित शरणार्थियों का एक नया समूह शिविरों में शरण ले रहा है. कछार जिले में सबसे ज्यादा शिविर बनाए गए हैं, जहां 22,000 से ज्यादा लोगों ने शरण ली है.
ASDMA ने कहा कि रविवार तक 8143 हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि बाढ़ के पानी में डूबी हुई है और किसानों का कहना है कि आने वाले दिनों में कृषि उत्पादन पर इसका बहुत बुरा असर पड़ेगा. मिजोरम में रविवार को भी तलाशी अभियान जारी रहा, क्योंकि बारिश के दौरान भूस्खलन वाले स्थानों पर कुछ लोग अभी भी लापता हैं.
राज्य का सबसे बड़ा छात्र संगठन सेंट्रल यंग मिजो एसोसिएशन (सीवाईएमए) तलाशी अभियान में आपदा प्रतिक्रिया बलों का समर्थन कर रहा है और उन्होंने कहा कि गतिविधियां आगे भी जारी रहेंगी. हालांकि, राज्य सरकार के अधिकारियों ने कहा कि अगर सोमवार शाम 4 बजे तक शव नहीं मिले तो तलाशी अभियान बंद कर दिया जाएगा.