असम का कछार जिला मणिपुर सीमा से लगता है. यही वजह है कि अक्सर यहां उग्रवादी हमले होते रहते हैं और उग्रवादी संगठनों के लोग एनकाउंटर में मारे भी जाते हैं. 16 जुलाई को हुए एक एनकाउंटर में तीन लोगों को मारा गया है. अब इस एनकाउंटर को लेकर सवाल उठाए जाने लगे हैं. HMAR संगठनों का कहना है कि यह एनकाउंटर फर्जी है और पुलिस के दावे पूरी तरह से मनगढ़ंत हैं. इन संगठनों ने चिट्ठी लिखकर मांग की है कि इसकी जांच करवाई जाए और न्याय दिया जाए. इन संगठनों का कहना है कि तीनों लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था ऐसे में इसे कस्टोडियल डेथ कहा जाना चाहिए.
पुलिस की ओर से आई जानकारी के मुताबिक, कछार के पहाड़ी इलाके में यह एनकाउंटर हुआ था जिसमें तीन लोगों को मार गिराया गया. पुलिस का कहना है कि इन लोगों के पास एके सीरीज की राइफलें, एक 9 एमएम पिस्टल, गोलियां और कई अन्य हथियार मिले हैं. डीआईजी (साउथ रेंज) कंगकन ज्योति साइकिया का कहना है कि पुलिस ने तीन उग्रवादियों को हथियार के साथ पकड़ा था और इन्होंने ही भुबन हिल्स में बने उग्रवादियों के अन्य ठिकानों को खोजने में मदद की.
The CM has reported that three Hmar "militants" were killed in an encounter with Cachar Police in the early hours of July 17. A video has emerged showing them being intercepted by the police on July 16 while traveling in an auto rickshaw, just hours before the alleged encounter. https://t.co/0Jbv4fhc7w pic.twitter.com/S65I0dQZZ1
— Rishikesh Kumar (@rishhikesh) July 18, 2024
उन्होंने आगे बताया, 'जब पुलिस की टीम इन तीन उग्रवादियों को लेकर भुबन हिल्स इलाके में पहुंची तो उग्रवादियों के दूसरे गुटने पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी. पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की. इसी गोलीबारी में इन तीनों को गोली लग गई और उन्हें तुरंत सोनाई अस्पताल ले जाया गया. इसके बाद इन्हें सिलचर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल भेजा गया लेकिन डॉक्टरों की टीम ने इन्हें मृत घोषित कर दिया.'
Cachar Police have captured a Hmar militant in #Assam. There is no excuse for their crimes against the innocent people of #Manipur. Soon, the consequences of their actions will be revealed. #Kuki_ZoChinTerrorists #Kuki_Chin_ZoHmarTerrorists #KukiNarcoTerrorists pic.twitter.com/RVCkemuN76
— Christopher Hijam (@ChristopherHij2) July 17, 2024
अब इस घटना से जुड़े कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. पहला वीडियो वह है जिसमें पुलिस के जवान एक ऑटो रिक्शा से तीन लड़कों को उतार रहे हैं और उनकी छानबीन कर रहे हैं. इसमें से एक लड़का अचानक भागने लगता है और वीडियो खत्म हो जाता है. एक और वीडियो है जिसमें एक लड़के के हाथ बंधे हुए हैं और उनके आसपास पुलिस और सुरक्षाबलों के लगभग एक दर्जन जवान खड़े हैं और इन लड़कों की पहचान कर रहे हैं. हालांकि, इन वीडियो में देखा जा सकता है कि किसी भी लड़के को गोली नहीं लगी है. इंडिया डेली लाइव इन वीडियो की पुष्टि नहीं करता है.
Assam | Three militants were killed during a gun fight with police in a hilly area in Cachar district on 16th July. Police recovered two AK series rifles, one 9 mm pistol, ammunition and other weapons.
— ANI (@ANI) July 18, 2024
Kangkan Jyoti Saikia, DIG (South Range) said that police apprehended three…
अब इस मामले पर HMAR स्टूडेंट्स असोसिएशन ने एक चिट्ठी लिखी है और इसकी निंदा की है. इस चिट्ठी के मुताबिक, मारे गए लोगों के नाम लल्लुंगवी हमरा, लालबेकुंग हमर और जोशुआ हैं. इसमें से दो असम के और एक मणिपुर का रहने वाला था. HMAR संगठन ने लिखा है, 'इन स्वयंसेवकों ने मेइती उग्रवादियों से कुकी-जोमी-हमर गांवों की रक्षा की थी. असम पुलिस ने 16 जुलाई को इन तीनों को हिरासत में लिया और फिर अनजान जगह ले गए. इन तीनों को वहीं पर निर्ममता से गोली मार दी गई और न्याय के साथ-साथ मानवाधिकार के सभी सिद्धांतों को ताक पर रख दिया गया.'
Manipur has been the land of fake encounters for decades. A petition in the Supreme Court alleges that over 1500 civilians have been extrajudicially killed in Manipur since 1979.
— Aboriginal_Kuki (@AboriginalKuki) July 18, 2024
The Assam police shall remain accountable and answer to the extrajudicial execution of 3 Hmar… pic.twitter.com/7qW9M1YQpM
HMAR स्टूटडेंट्स असोसिएशन का कहना है कि पुलिस जिस एनकाउंटर का दावा कर रही है उसमें कई गड़बड़ियां हैं और सामने आए वीडियो उसके उलट बातें दिखा रहे हैं, जो दिखाते हैं कि पूरी कहानी गढ़ी गई है. अब इन संगठनों की मांग है कि तीनों की मौत के मालमे में निष्पक्ष जांच करवाई जाए. इसके अलावा, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग इस मामले को संज्ञान में ले और कार्यवाही करे.