Owaisi Tears Waqf Bill: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को लोकसभा में वक्फ बिल में बदलावों का जोरदार विरोध जताया. उन्होंने इस बिल को अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों पर हमला करार देते हुए इसकी कॉपी फाड़ दी. ओवैसी ने केंद्र सरकार पर देश के सबसे बड़े अल्पसंख्यक समुदाय को कमजोर करने का इल्जाम लगाया और कहा कि यह बिल मुस्लिम समुदाय की गरीबी को दूर करने में कोई मदद नहीं करेगा. उनके इस कदम ने सदन में तीखी बहस को जन्म दिया, जो वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और अल्पसंख्यकों के हितों से जुड़े मुद्दों पर केंद्रित रही.
वक्फ (संशोधन) बिल पर लोकसभा में चर्चा के दौरान ओवैसी ने महात्मा गांधी के संघर्ष को याद किया. उन्होंने कहा, 'अगर आप इतिहास पढ़ेंगे, तो आप देखेंगे कि महात्मा गांधी ने श्वेत दक्षिण अफ्रीका के कानूनों के बारे में बात की थी. 'मेरी अंतरात्मा इसे स्वीकार नहीं करती' और उन्होंने उन्हें फाड़ दिया.
ओवैसी ने कहा, 'गांधी की तरह, मैं भी इस कानून को फाड़ रहा हूं. यह असंवैधानिक है.' ओवैसी ने इस बिल को फाड़कर अपना विरोध दर्ज किया और इसे असंवैधानिक करार दिया. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर धार्मिक मुद्दों को हथियार बनाकर देश में विभाजन पैदा करने का आरोप भी लगाया. साथ ही, उन्होंने सरकार से अपने 10 संशोधन प्रस्तावों को स्वीकार करने की मांग की.
#WATCH | Delhi | AIMIM Chief Asasuddin Owaisi tears the copy of #WaqfAmendmentBill during his remarks in the ongoing debate in the Lok Sabha pic.twitter.com/9P4ZfZUDKE
— ANI (@ANI) April 2, 2025
ओवैसी के इस कदम का जवाब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिया. शाह ने बिल पर उठाई गई आपत्तियों को खारिज करते हुए कहा, 'एक सदस्य ने यहां तक कहा कि अल्पसंख्यक इसे स्वीकार नहीं करेंगे. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि आप डराने की कोशिश किसे कर रहे हैं? यह संसद का कानून है- हर कोई इसका पालन करेगा और इसे स्वीकार करेगा.'
सरकार द्वारा इस बिल के पीछे वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में ट्रांसपेरेंसी और सुधार लाने का उद्देश्य बताया गया है. हालांकि विपक्षी पार्टियों द्वारा लगातार इसे अल्पसंख्यक संस्थानों को कमजोर करने वाला विधेयक बताया जा रहा है.