Asaduddin Owaisi: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को महाराष्ट्र सरकार के उस फैसले पर भड़क गए जिसमें 'लव जिहाद' के खिलाफ नए कानून के कानूनी पहलुओं पर विचार करने के लिए एक समिति गठित करने का निर्णय लिया गया है.
ओवैसी ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि ऐसा लगता है कि महाराष्ट्र सरकार के पास अंतरधार्मिक विवाहों की जांच के अलावा और कोई दूसरा काम नहीं है. उन्होंने कहा कि यहां तक कि मोदी सरकार भी कह चुकी है कि लव जिहाद की कोई परिभाषा नहीं है और कई जांच एजेंसियों ने इसे साजिश मानने के सिद्धांत को खारिज कर दिया है.
हैदराबाद सांसद ओवैसी ने कहा, 'भारतीय न्याय संहिता (BNS) पहले से ही किसी भी व्यक्ति को अपनी धार्मिक पहचान छिपाकर शादी का वादा करने पर अपराधी मानती है. जबरन धर्म परिवर्तन भी अपराध की श्रेणी में है.'
उन्होंने कहा, 'यह केवल एक 'अंकल सरकार' बनाने की कोशिश है. सरकार इस बात में दखल देती है कि आप किससे शादी करते हैं, क्या खाते हैं, कौन सी भाषा बोलते हैं, कहां रहते हैं और किस धर्म को मानते हैं.'
Maharashtra government seems to have no other work except investigating interfaith marriages. It has now set up a panel to make a law against "love jihad." Even the Modi government has said there's no definition of love jihad, and many investigation agencies have debunked this… pic.twitter.com/K723xY0scj
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) February 17, 2025
ओवैसी ने यह भी पूछा कि निजता के अधिकार का क्या? उन्होंने कहा कि लोग अपनी मर्जी से धर्म चुने और अपना साथी चुने, यह एक मुलभूत अधिकार है. बता दें कि महाराष्ट्र में विपक्षी पार्टियों के कई नेताओं ने फडणवीस सरकार के इस फैसले की आलोचना की है.