ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सर्वे रिपोर्ट पर ओवैसी ने उठाए सवाल, जानें क्या जाहिर की प्रतिक्रिया?
ज्ञानवापी मस्जिद मामले में एएसआई रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि मजिस्द से पहले वहां एक बड़ा हिंदू मंदिर मौजूद था. एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने ज्ञानवापी मस्जिद मामले में एएसआई रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं.
नई दिल्ली: ज्ञानवापी मस्जिद मामले में एएसआई रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि मजिस्द से पहले वहां एक बड़ा हिंदू मंदिर मौजूद था. 17 वीं शताब्दी में मौजूद संरचना को नष्ट करके इसके कुछ हिस्से पर मजिस्द का निर्माण किया गया था. सर्वे में 32 ऐसे जगह प्रमाण मिले हैं, जो बताते हैं कि वहां पहले हिंदू मंदिर था. देवनागरी, ग्रंथा, तेलुगु, कन्नड़ में लिखे पुरालेख मिले हैं. जनार्दन, रुद्र और विश्वेश्वर के बारे में पुरालेख मिले हैं. अब इसको लेकर सियासत भी तेज हो चली है. एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने ज्ञानवापी मस्जिद मामले में एएसआई रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं.
ओवैसी ने ASI सर्वे पर उठाए सवाल
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पोस्ट पर ओवैसी ने लिखा "यह पेशेवर पुरातत्वविदों या इतिहासकारों के किसी भी समूह के सामने अकादमिक जांच में टिक नहीं पाएगा. रिपोर्ट अनुमान पर आधारित है और वैज्ञानिक अध्ययन का मज़ाक उड़ाती है. जैसा कि एक महान विद्वान ने एक बार कहा था ASI हिंदुत्व की दासी है."
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन की बड़ी प्रतिक्रिया
एएसआई सर्वे की 839 पेज की रिपोर्ट की कॉपी हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन को मिल गई है. जिसके बाद विष्णु शंकर जैन ने प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि ASI रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है कि वहां पर 34 शिलालेख है जहां पर पहले से मौजूद हिंदू मंदिर के सबूत मिले है. सर्वेक्षण, वास्तुशिल्प अवशेषों, उजागर विशेषताओं और कलाकृतियों, शिलालेखों, कला और मूर्तियों के अध्ययन के आधार पर यह कहा जा सकता है कि मौजूदा संरचना के निर्माण से पहले एक हिंदू मंदिर मौजूद था.