Pujari-Granthi Scheme: दिल्ली में एक नई योजना पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना का ऐलान किया गया है, इसकी शुरुआत आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल 31 दिसंबर को कनाट प्लेस के हनुमान मंदिर से करेंगे. यह योजना दिल्ली के सभी मंदिरों और गुरुद्वारों के पुजारियों और ग्रंथियों को सम्मान राशि देने के लिए है. ऐसे में अब इसे अरविंद केजरीवाल का मास्टर स्ट्रोक कहा जा रहा है.
अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार के दिन कनाट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर में इस योजना का शुभारंभ करेंगे. सबसे पहले इसी मंदिर के पुजारियों का खुद अरविंद केजरीवाल रजिस्ट्रेशन करेंगे. इसके बाद इस योजना का विस्तार दिल्ली भर के मंदिरों और गुरुद्वारों में किया जाएगा. इस कदम को दिल्ली सरकार द्वारा हिंदू धार्मिक स्थलों के पुजारियों और ग्रंथियों के प्रति सम्मान और उनकी कठिनाईयों को समझने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है.
बीजेपी के एजेंडे का जवाब
इस योजना का उद्देश्य न केवल धार्मिक कार्यों में जुटे लोगों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है, बल्कि यह भाजपा के हिंदुत्व के एजेंडे के खिलाफ एक सशक्त जवाब भी है. भाजपा अक्सर हिंदू समुदाय के लिए अपनी योजनाओं का प्रचार करती रही है, लेकिन केजरीवाल का यह कदम उनके विरोधियों को चुनौती देने के रूप में देखा जा रहा है. यह योजना एक मास्टर स्ट्रोक के रूप में सामने आई है, जिसमें दिल्ली सरकार ने पुजारियों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति सुधारने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है.
हिंदू और सिखों को रिझाने की कोशिश
केजरीवाल ने अपनी योजना को "समानता और सम्मान" की दिशा में एक बड़ा कदम बताया है, जो समाज के धार्मिक कार्यकर्ताओं के महत्व को पहचानता है. इस योजना के माध्यम से, दिल्ली सरकार ने एक बार फिर यह साबित करने की कोशिश की है कि वह सभी समुदायों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है, चाहे वह किसी भी धर्म से जुड़े हों.