दिल्ली विधानसभा चुनाव में न केवल आम आदमी पार्टी की करारी हार हुई है, बल्कि पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल भी खुद अपनी सीट नहीं बचा पाए. बता दें अरविंद केजरीवाल ने पिछले साल सितंबर महीने में दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने भ्रष्टाचार के एक मामले में जमानत मिलने के कुछ दिनों बाद ही यह फैसला किया था.
अरविंद केजरीवाल दिल्ली आबकारी नीति मामले में कथित अनियमितता के मामले में छह महीने जेल में रहे थे. सीएम पद से इस्तीफा देते ही केजरीवाल ने कहा था, 'मैंने जनता की अदालत में जाने का फैसला किया है. जनता ही बताएगी कि मैं ईमानदार हूं या नहीं.'
दिल्ली की जनता ने अब अपना फैसला सुना दिया है. अरविंद केजरीवाल के प्रश्न का जवाब देते हुए दिल्ली की जनता ने यह बता दिया है कि अरविंद केजरीवाल एक ईमानदार नेता नहीं है. सीएम पद से इस्तीफा देते ही केजरीवाल ने यह बात बोल तो दी थी कि जनता तय करेगी कि वो ईमानदार हैं या नहीं, शायद उन्हें इस बात का बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि जनता आप को ही नहीं उन्हें भी हरा देगी.
दरअसल केजरीवाल ने एंटी करप्शन मूवमेंट के जरिए राजनीति में दस्तक दी थी. केजरीवाल अपनी पार्टी और खुद के कट्टर ईमानदार होने का दावा करते रहे हैं. ऐसे में जब वह जेल गए तो यह उनकी छवि से बिल्कुल उलट था.
खैर बीजेपी को वोट देते वक्त केजरीवाल की वो बात जनता के दिमाग में कितनी रही इसका अंदाजा लगा पाना तो मुश्किल है लेकिन बात जहां तक केजरीवाल के ईमानदार या बेईमान होने की है तो अभी केजरीवाल जांच के दायरे में हैं, अभी उन पर किसी भी तरह के आरोप सिद्ध नहीं हुए हैं. जनता ने भले ही उन्हें बेईमान बता दिया हो लेकिन न्यायपालिका का फैसला आना अभी बाकी है.