Arvind Kejriwal Interim Bail: दिल्ली एक्साइज केस में आरोपी अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से एक दिन पहले राहत मिली. कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को 1 जून तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी. अंतरिम जमानत के बाद अभिषेक मनु सिंघवी की चर्चा हो रही है, जिन्होंने केजरीवाल को जमानत दिलाई और ऐसे समय में जेल से बाहर निकाला, जब आम आदमी पार्टी को उनकी सबसे ज्यादा जरूरत थी. अभिषेक मनु सिंघवी कांग्रेस के नेता भी है. अब उन्होंने केजरीवाल का मसीहा बताया जा रहा है. आइए, जानते हैं कि आखिर कौन हैं अभिषेक मनु सिंघवी?
अभिषेक मनु सिंघवी ने ही दिल्ली एक्साइज पॉलिसी मामले में सुप्रीम कोर्ट में केजरीवाल का पक्ष रखा. केजरीवाल को बेल न दिए जाने को लेकर केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने कई दलीलें पेश कीं, लेकिन उन्होंने इन दलीलों का बखूबी जवाब दिया. सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट के अलावा दिल्ली हाई कोर्ट में केजरीवाल की ओर से ED के आरोपों का जवाब दिया.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कांग्रेस के सीनियर नेता राहुल गांधी ने अरविंद केजरीवाल को सिंघवी का नाम सजेस्ट किया था. कहा जा रहा है कि शुक्रवार को जब सुप्रीम कोर्ट में केजरीवाल को अंतरिम जमानत दिए जाने की याचिका पर जिरह हो रही थी तब जस्टिस बीआर गवई ने अभिषेक मनु सिंघवी की तारीफ भी की थी और कहा था कि वकीलों को डॉक्टर मनु सिंघवी से सीखना चाहिए. दरअसल, गवई ने ये तारीफ अभिषेक मनु सिंघवी के टाइम पंच्यूअल होने पर दी थी. जिसका सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी समर्थन किया था.
केजरीवाल से पहले कांग्रेस के नेता और सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने AAP नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह को भी इसी मामले में जमानत दिलवाई थी. जिरह के दौरान सिंघवी ने तर्क दिया था कि संजय सिं की गिरफ्तारी के बाद से जांच एजेंसी कोई सबूत पेश करने में विफल रही. इसके बाद कोर्ट ने अप्रैल की शुरुआत में संजय सिंह को जमानत दे दी थी.
राजस्थान के जोधपुर में जन्मे अभिषेक मनु सिंघवी की स्कूलिंग सेंट कोलंबा, दिल्ली से हुई है. उन्होंने सेंट स्टीफंस कॉलेज से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन किया है. सिंघवी ने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के ट्रिनिटी कॉलेज से पीएचडी किया है, जबकि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पब्लिक इंटरनेशनल लॉ (पीआईएल) का कोर्स किया है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अभिषेक मनु सिंघवी देश के हाई प्रोफाइल वकीलों में से एक हैं. वे पेशी के लिए करीब 20.5 लाख रुपये फीस लेते हैं. यूपीए शासन के दौरान अभिषेक मनु सिंघवी कानून और न्याय पर संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष रहे थे. उन्होंने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) के रूप में भी काम किया है. सिंघवी ने नेशनल हेराल्ड-यंग इंडियन मामले में कांग्रेस की सीनियर नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी को भी बेल दिलवाई थी.