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दिल्ली में नॉन ऑफिशियल स्टाफ की मुख्य सचिव ने मांगी रिपोर्ट, कभी भी गिर सकती है गाज

दिल्ली में नॉन ऑफिशियल स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई की संभावना बढ़ गई है. मुख्य सचिव द्वारा जारी किए गए नोटिस में सभी नॉन ऑफिशियल स्टाफ की सूची प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है. केजरीवाल सरकार के तहत विभिन्न विभागों में कई प्रकार के नॉन ऑफिसियल स्टाफ की नियुक्ति की गई थी.

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Edited By: Ritu Sharma
Arvind Kejriwal
Courtesy: Social Media

Delhi Government: दिल्ली सरकार में कार्यरत नॉन ऑफिशियल स्टाफ पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है. मुख्य सचिव ने सभी विभागों को निर्देश जारी कर उनकी पूरी सूची सौंपने के आदेश दिए हैं. माना जा रहा है कि नई सरकार के गठन के साथ ही इन कर्मियों की सेवाएं समाप्त की जा सकती हैं.

सभी विभागों से मांगी गई लिस्ट

आपको बता दें कि दिल्ली के मुख्य सचिव ने सरकार के अधीन काम करने वाले सभी विभागों को नोटिस जारी किया है, जिसमें यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि जितने भी नॉन ऑफिशियल स्टाफ नियुक्त किए गए हैं, उनकी सूची तैयार कर जल्द से जल्द प्रस्तुत की जाए. गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार के दौरान विभिन्न विभागों में कई अस्थायी कर्मियों की नियुक्ति हुई थी.

नई सरकार बनते ही हटाए जा सकते हैं कर्मचारी

सूत्रों के अनुसार, नई सरकार के कार्यभार संभालते ही इन कर्मचारियों पर गाज गिर सकती है और इन्हें हटाया जा सकता है. हाल ही में दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी के कार्यालय में कार्यरत एक कर्मचारी 5 लाख रुपये नकद के साथ पकड़ा गया था. इस शख्स की पहचान गौरव के रूप में हुई, जिसे गिरीखंड नगर इलाके में रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था.

केजरीवाल सरकार में हुई थी भारी नियुक्तियां

वहीं केजरीवाल सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान बड़ी संख्या में नॉन ऑफिशियल स्टाफ की नियुक्ति की थी. अब नई सरकार इस पूरी प्रक्रिया की जांच कर रही है और इसीलिए यह सूची मांगी गई है. हाल ही में हुए दिल्ली विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी को करारी शिकस्त मिली, जबकि भारतीय जनता पार्टी ने 48 सीटों पर जीत दर्ज कर सरकार बनाई.

केजरीवाल का 'शीशमहल' अब बनेगा सरकारी गेस्ट हाउस

बता दें कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बंगले को लेकर भी बड़ी खबर सामने आई है. सरकार ने इसे एक सरकारी गेस्ट हाउस में तब्दील करने का फैसला लिया है. 6, फ्लैग स्टाफ रोड स्थित यह बंगला 9 वर्षों तक केजरीवाल का सरकारी आवास था. नई सरकार के प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद इसे आधिकारिक गेस्ट हाउस बना दिया जाएगा, जहां सरकारी अधिकारी और विशिष्ट अतिथि ठहर सकेंगे. बीजेपी ने इस बंगले के महंगे नवीनीकरण को लेकर पहले ही सवाल उठाए थे.

SIT गठित कर भ्रष्टाचार मामलों की होगी जांच

इसके अलावा, दिल्ली में सत्ता परिवर्तन के बाद बीजेपी सरकार ने भ्रष्टाचार को लेकर कड़ा रुख अपनाया है. पार्टी ने नई कैबिनेट बैठक में विशेष जांच दल (SIT) के गठन की घोषणा की है, जो केजरीवाल सरकार के दौरान हुए भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करेगी. दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, ''भ्रष्टाचार को लेकर बीजेपी की नीति स्पष्ट है, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और जवाबदेही तय की जाएगी.''