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'वे फाइलों पर हस्ताक्षर कर सकते हैं...', अरविंद केजरीवाल की जमानत शर्तों पर अभिषेक सिंघवी का दावा

Arvind Kejriwal Bail Conditions: सीनियर वकील अभिषेक सिंघवी ने अरविंद केजरीवाल की जमानत शर्तों को लेकर दावा किया है और कहा है कि वे फाइलों पर सिग्नेचर कर सकते हैं. अभिषेक मनु सिंघवी ने अरविंद केजरीवाल की सरकारी फाइलों पर हस्ताक्षर करने की क्षमता पर भ्रम को दूर करते हुए इस बात पर जोर दिया कि सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश से पूर्व की शर्तों में कोई बदलाव नहीं आया है.

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Edited By: India Daily Live
Arvind Kejriwal
Courtesy: @AamAadmiParty

Arvind Kejriwal Bail Conditions: शराब नीति मामले में अरविंद केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने शुक्रवार को कहा कि ये गलत सूचना फैलाई जा रही है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री जमानत पर बाहर रहने के दौरान किसी भी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) मामले में 12 जुलाई को पारित पिछले आदेश में कोई बदलाव नहीं किया है. सिंघवी की ये प्रतिक्रिया सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिल्ली शराब नीति मामले में अरविंद केजरीवाल को जमानत दिए जाने के कुछ घंटों बाद आई.

सिंघवी ने इंडिया टुडे से खास बातचीत में कहा कि ये गलत सूचना फैलाई जा रही है कि वे (अरविंद केजरीवाल) किसी भी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते. आज का आदेश पीएमएलए मामले में 12 जुलाई को पहले से पारित आदेश में कोई अल्पविराम या पूर्ण विराम नहीं जोड़ता है. उस आदेश में कहा गया था कि केजरीवाल के पास कोई विभाग नहीं है. वे वास्तव में किसी भी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं करते हैं. केवल एक ही श्रेणी की फाइलों पर उन्हें हस्ताक्षर करना चाहिए और वे हस्ताक्षर करते भी हैं, वे फाइलें उपराज्यपाल के पास जानी हैं.

उन्होंने कहा कि 12 जुलाई के सुप्रीम कोर्ट के आदेश में ये अंतर किया गया है, जिसमें कहा गया है कि केजरीवाल उन सभी फाइलों पर हस्ताक्षर कर सकते हैं, जो उपराज्यपाल के पास जानी हैं. जो फाइलें अन्य लोगों के पास हैं, उन पर उनके मंत्री हस्ताक्षर करते हैं. ये कहना राजनीतिक है कि वे काम नहीं कर सकते. मैं बस इतना ही कहूंगा कि एक निर्वाचित मुख्यमंत्री को इस तरह के हथकंडे अपनाकर नहीं हटाया जाना चाहिए.

सिंघवी बोले- केजरीवाल बाहर, दिल्ली में शासन संबंधी कोई संकट नहीं होगा

सीनियर वकील ने ये भी कहा कि चूंकि अरविंद केजरीवाल जेल से बाहर हैं, इसलिए दिल्ली में शासन संबंधी कोई संकट नहीं होगा. सिंघवी ने कहा कि अब जब वह जेल से बाहर आ गए हैं, उनके मंत्री फाइलों पर हस्ताक्षर कर रहे हैं और वे (अरविंद केजरीवाल) उपराज्यपाल के लिए भी फाइलों पर हस्ताक्षर कर सकते हैं, मुझे नहीं लगता कि शासन कोई मुद्दा है.

अरविंद केजरीवाल को जमानत देते हुए जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने जमानत की केवल दो शर्तें बरकरार रखीं कि वह सुनवाई की प्रत्येक तारीख को निचली अदालत के समक्ष उपस्थित रहेंगे, जब तक कि उन्हें छूट न दी जाए और मुकदमे को शीघ्र पूरा करने में पूरा सहयोग करेंगे.

इसने उन शर्तों को हटाने का निर्णय लिया कि मुख्यमंत्री दिल्ली सचिवालय नहीं जा सकते या फाइलों पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते. हालांकि, इस मामले में राहत लागू नहीं की जा सकती, क्योंकि जस्टिस संजीव खन्ना की अगुवाई वाली बेंच ने पहले 10 मई और 12 जुलाई, 2024 को कुछ खास शर्तें लगाई थीं. यह स्पष्ट किया गया कि इन शर्तों में कोई भी बदलाव या वापसी केवल एक बड़ी संविधान पीठ द्वारा ही की जा सकती है.

केजरीवाल को दिए गए जमानत की क्या हैं शर्तें?

  • केजरीवाल को मुख्यमंत्री कार्यालय और दिल्ली सचिवालय में जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
  • वे आधिकारिक फाइलों पर तब तक हस्ताक्षर नहीं करेंगे जब तक कि दिल्ली के उपराज्यपाल की मंजूरी/अनुमोदन प्राप्त करने के लिए ऐसा करना आवश्यक न हो.
  • वे वर्तमान मामले में अपनी भूमिका पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे.
  • वे मामले के किसी भी गवाह से बातचीत नहीं करेंगे और न ही आधिकारिक केस फाइलों तक पहुंच रखेंगे.

मुख्यमंत्री को अब इन प्रतिबंधों में संशोधन के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) से संपर्क करना होगा ताकि एक बड़ी पीठ का गठन किया जा सके.