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'दो दिन बाद मुख्यमंत्री पद से दूंगा इस्तीफा', केजरीवाल ने किया CM पद से रिजाइन का ऐलान

Kejriwal Announced Resignation: दिल्ली शराब घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद केजरीवाल आज आम आदमी पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने अगले दो दिनों में अपने इस्तीफे की घोषणा की. उन्होंने कहा कि जनता के फैसले तक मैं मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा.

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Edited By: India Daily Live
Arvind Kejriwal resign
Courtesy: @AamAadmiParty

Kejriwal Announced Resignation: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने CM पद से इस्तीफे की पेशकश की है. उन्होंने कहा है कि अगले दो दिनों में मैं मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दूंगा. उन्होंने कहा कि अगले दो दिनों में विधायक दल की बैठक होगी. केजरीवाल ने ये भी कहा कि जनता का फैसला आने तक मैं मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा. उन्होंने कहा कि जनता मुझे बताए कि मैं ईमादार हूं या फिर गुनहगार हूं. 

दिल्ली शराब घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ये बातें कही. उन्होंने ये भी कहा कि नवंबर में दिल्ली में विधानसभा चुनाव कराए जाएं. अगर दिल्ली के लोग मानते हैं कि मैं ईमानदार हूं, तो फिर मुझे और मेरे पार्टी को वोट दें. बता दें कि दिल्ली में फरवरी में विधानसभा चुनाव कराए जाने हैं.

विधायक दल की बैठक में होगा नए CM का ऐलान

केजरीवाल ने कहा कि अगले दो दिनों में होने वाले विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा होगी. उन्होंने ये भी साफ किया कि मनीष सिसोदिया भी दिल्ली के मुख्यमंत्री नहीं बनने जा रहे हैं. उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि मैं दो दिन बाद सीएम पद से इस्तीफा देने जा रहा हूं. जब तक जनता अपना फैसला नहीं दे देती, मैं सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा... मैं हर घर और गली में जाऊंगा और जब तक जनता का फैसला नहीं मिल जाता, तब तक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा. 

केजरीवाल ने बताया- जेल से क्यों नहीं दिया था इस्तीफा

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने (भाजपा) मुझे जेल भेजा क्योंकि उनका लक्ष्य AAP और अरविंद केजरीवाल की हिम्मत को तोड़ना था... उन्हें लगा कि वे हमारी पार्टी को तोड़ देंगे और मुझे जेल में डालकर दिल्ली में सरकार बना लेंगे... लेकिन हमारी पार्टी नहीं टूटी... मैंने जेल से इस्तीफा नहीं दिया क्योंकि मैं भारत के संविधान की रक्षा करना चाहता था. मैं उनका फॉर्मूला फेल करना चाहता था... SC ने केंद्र सरकार से पूछा कि जेल से सरकार क्यों नहीं चल सकती... SC ने साबित कर दिया कि जेल से सरकार चल सकती है. 

तिहाड़ से रिहा होने के बाद केजरीवाल पहली बार AAP मुख्यालय पहुंचे

इससे पहले, दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल रविवार को दिल्ली स्थित पार्टी कार्यालय पहुंचे. शुक्रवार रात तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद यह उनका पहला दौरा है. इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि उन्होंने (केजरीवाल) जेल से भी पार्टी को एकजुट रखा और कार्यकर्ताओं ने इसे बाहर से एकजुट रखा. अगर किसी और पार्टी को इतनी समस्याओं का सामना करना पड़ता, तो वह टूट जाती.

इससे पहले शनिवार को केजरीवाल ने पार्टी के सीनियर नेताओं के साथ बैठक की, जिसमें हरियाणा में विधानसभा चुनाव और राष्ट्रीय राजधानी में पार्टी संगठन समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई. AAP नेताओं ने कहा कि केजरीवाल हरियाणा में प्रचार करेंगे, जहां पार्टी सभी 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है.

आप महासचिव बोले- हरियाणा में पूरी ताकत से लड़ेंगे चुनाव

आप महासचिव और सांसद संदीप पाठक ने एएनआई को बताया कि वे हरियाणा में पूरी ताकत से चुनाव लड़ेंगे. बैठक आप के सीनियर नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आवास पर हुई. बैठक में पार्टी नेता संजय सिंह और गोपाल राय भी मौजूद थे. उधर, जेल से रिहा होने के बाद केजरीवाल ने चंदगीराम अखाड़े से अपने सरकारी आवास तक रोड शो किया. कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से उन्हें जमानत दिए जाने के कुछ ही घंटों बाद शुक्रवार शाम को उन्हें तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया.

केजरीवाल के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए विशेष सीबीआई जज के सामने उनकी रिहाई के लिए जमानती बांड भरे. रिहाई के बाद तिहाड़ जेल के बाहर आप नेताओं और समर्थकों की भारी भीड़ ने केजरीवाल का स्वागत किया. उनके समर्थकों ने उनके आवास के बाहर पटाखे फोड़कर जश्न मनाया. 

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केजरीवाल की रिहाई पर कुछ शर्तें भी रखीं, जिसमें ये भी शामिल है कि वह मामले के बारे में कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं करेंगे और छूट मिलने तक निचली अदालत के समक्ष सभी सुनवाइयों में मौजूद रहेंगे.