Crime News: 4 मई को सामने आए तस्करी और वेश्यावृत्ति के मामले में ईटानगर पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी है. अब तक 5 बच्चियों को इस चंगुल से आजाद कराया गया है. मामले में 21 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिसमें से 10 तस्कर और 11 ग्राहक हैं. मामला और गंभीर इसलिए हो गया है कि गिरफ्तार आरोपियों में 5 लोग सरकारी विभाग के कर्मचारी और अधिकारी हैं. इसमें से कुछ पुलिस विभाग के हैं.
पिछले 10 दिनों में ईटानगर और उसके आसपास के स्थानों से पुलिस ने पांच नाबालिग लड़कियों (एक 10 साल की, एक 12 साल की और तीन साल) को बचाया है. सभी पांच लड़कियों को असम के गांवों से लाया गया था. पुलिस अधिकारी ने बताया कि 10 वर्षीय और 12 साल के लड़कियों की तस्करी की गई थी तो उनकी उम्र 8 साल थी.
इस पूरे मामले में अब तक गिरफ्तार 21 लोगों में से 10 पर तस्करी करने, ग्राहकों को बुलाने और ग्राहकों तक ले जाने का आरोप है. अन्य 11 लोगों की पहचान ग्राहकों के रूप में की गई है. ये सभा पीड़ितों का यौन उत्पीड़न करते थे.
बुलंद मारिक, अरुणाचल पुलिस में डिप्टी एसपी
डॉ. सेनलर रोन्या, स्वास्थ्य सेवा निदेशालय में उप निदेशक
तोई बागरा, अरुणाचल पुलिस में कांस्टेबल
तकम लैंगडिप, लोक निर्माण विभाग के सहायक इंजीनियर
मिची ताबिन, ग्रामीण विभाग का जूनियर इंजीनियर
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सरकारी कर्मचारियों के मूल विभागों को गिरफ्तारी की सूचना दे दी गई है. गिरफ्तार आरोपियों पर आईपीसी की धारा 373 के तहत आरोप हैं. इनपर POCSO अधिनियम और अवैध तस्करी अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है.
पुलिस अधिकारी के मुताबिक 4 मई को बाल तस्करी और वेश्यावृत्ति गिरोह के बारे में जानकारी मिली थी. ईटानगर के दो स्थानों पर छापेमारी कर 4 लड़कियों को बचाया गया. यहां तस्करी गिरोह का नेतृत्व दो लड़कियां ही कर रहीं थीं जो इस काम को ब्यूटी पार्लर के बहाने अंजाम देती थी. ये दोनों असम की रहने वाली हैं.
आरोपी बच्चियों को अच्छी लाइफ देने के नाम पर गरीब माता पिता से लाते थे और उन्हें यहां इस गंदे काम में धकेल देते थे. इन सभी लड़कियों को 2020 से 2022 के बीच में लाया गया था. पहले इनसे पार्लर में काम कराया जाता था. बाद में उन्हें श्यावृत्ति में धकेल दिया जाता है.