Women's Reservation Bill: अधीर रंजन चौधरी और अमित शाह में तीखी नोकझोंक, जानें क्या हैं दोनों नेताओं के आमने-सामने आने की वजह?
Women's Reservation Bill: महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण दिलाने वाला बिल लोकसभा में पेश हुआ. इस बिल को पेश करने को दौरान एक ऐसी तस्वीर सामने आयी. जिसमें गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी के बीच तीखी बहस देखने को मिली.
Women's Reservation Bill: महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण दिलाने वाला बिल लोकसभा में पेश हुआ. इस बिल में महिलाओं के लिए विधानसभा और लोकसभा में 33 फीसदी आरक्षण का प्रावधान है. इस बिल के कानून बनने के बाद लोकसभा की 181 सीटें महिलाओं के लिए रिजर्व हो जाएंगी. नए संसद भवन लोकसभा में एक ऐसी तस्वीर सामने आयी. जिसमें गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी के बीच तीखी बहस देखने को मिली.
अधीर रंजन चौधरी ने महिला आरक्षण बिल को बताया कांग्रेस सरकार की पहल
दरअसल नारी शक्ति वंदन विधेयक को लेकर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी इसे पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की पहल मानते है. जिसको लेकर उन्होंने लोकसभा में बोलते हुए कहा कि पूर्व पीएम राजीव गांधी की सरकार से लेकर नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह सरकार ने अलग-अलग समय पर इस बिल को पास कराने का हर संभव प्रयास किया. महिला आरक्षण बिल कभी राज्यसभा में पास होता था तो लोकसभा में नहीं होता था और अगर लोकसभा में होता था तो राज्यसभा में गिर जाता था. अधीर रंजन ने कहा कि राजीव गांधी के प्रधानमंत्री रहते हुए कांग्रेस ने इस बिल को लोकसभा में पास कराया था. इसके साथ ही उन्होंने दावा करते हुए कहा कि मनमोहन सिंह के सरकार के दौरान महिला आरक्षण बिल जो संसद में पेश किया गया था. वो अभी तक अस्तित्व में हैं.
अधीर रंजन चौधरी के दावे का गृह मंत्री अमित शाह ने किया खड़न
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी के दावें का खंडन करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि "महिला आरक्षण बिल लोकसभा में कभी पास नहीं हुआ था. दूसरा ये बिल पुराना लोकसभा में लंबित है, ये सही नहीं है. ये बिल 2014 में ही लोकसभा के विघटन के साथ ही निरस्त कर दिया गया था. अधीर रंजन का ये बयान तथ्यात्मक रूप से गलत हैं. मैं मांग करता हूं कि अधीर रंजन इस बारे में जो बोले हैं उसपर कोई कागजात है तो इसे पटल पर रखें या इसे रिकॉर्ड से दूर किया जाए और कांग्रेस नेता को अपना बयान वापस लेना चाहिए"
लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या बढ़कर 181
विधेयक को सदन के पटल पर पेश करते हुए कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि 'यह विधेयक महिला सशक्तिकरण करेगा. संविधान के अनुच्छेद 239ए में संशोधन करके महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित की जाएंगी. अनुच्छेद 330ए के तहत सदन में एससी/एसटी महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित की जाएंगी. इस विधेयक के पारित होने के बाद लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या बढ़कर 181 हो जाएगी. इसके साथ ही दिल्ली विधानसभा में भी महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण मिलेगा .इस बिल के तहत लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए आरक्षण 15 साल के लिए मिलेगा. 15 साल बाद महिलाओं को आरक्षण देने के लिए फिर से बिल लाना होगा'