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क्या औरतें कर रही हैं कानून का दुरुपयोग? आखिर पुरुषों की आत्महत्याओं में क्यों हो रही वृद्धि

Men's Suicide Case: बेंगलुरु के अतुल सुभाष, टीसीएस के रिक्रूटमेंट मैनेजर मानव शर्मा और अब उत्तर प्रदेश के राहुल की आत्महत्याओं ने पुरुषों के मानसिक उत्पीड़न और झूठे मामलों की गंभीरता को उजागर किया है, जिससे लोगों के बीच एक बड़ी बहस शुरू हो गई है.

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Men's Suicide Case: राहुल की आत्महत्या के बाद एक बार फिर पुरुषों के मानसिक उत्पीड़न और झूठे मुकदमों के दुरुपयोग का मुद्दा चर्चा में आ गया है. कई सामाजिक संगठनों ने 498ए (दहेज उत्पीड़न कानून) के गलत इस्तेमाल को लेकर चिंता जताई है. सेव इंडियन फैमिली फाउंडेशन जैसे संगठनों की सदस्यता लगातार बढ़ रही है, और कार्यकर्ता दीपिका भारद्वाज और मित्रा गुहा पाल ने पुरुषों के अधिकारों की समान सुरक्षा की मांग की है.

कानूनी सुधार की मांग

वकील आभा सिंह ने इस घटना को अतुल सुभाष मामले से जोड़ते हुए कहा कि झूठे आरोपों के चलते पुरुषों को गंभीर मानसिक तनाव झेलना पड़ता है. उन्होंने उत्तर प्रदेश पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए कहा, ''इस तरह के दुरुपयोग से वास्तविक पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पाता और निर्दोष लोगों की जिंदगियां बर्बाद हो जाती हैं.''

लगातार बढ़ रही हैं आत्महत्याएं

बेंगलुरु के 34 वर्षीय तकनीकी विशेषज्ञ अतुल सुभाष की आत्महत्या, फिर टीसीएस के रिक्रूटमेंट मैनेजर मानव शर्मा की आत्महत्या और अब उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में राहुल की आत्महत्या – इन घटनाओं ने एक बार फिर पुरुषों के खिलाफ हो रहे मानसिक उत्पीड़न और झूठे मामलों के मुद्दे को तूल दे दिया है.

आत्महत्या से पहले बनाया वीडियो

बता दें कि राहुल ने जहर खाने से पहले एक वीडियो रिकॉर्ड किया, जिसमें उसने अपनी पत्नी ज्योति और उसके परिवार पर गंभीर आरोप लगाए. वीडियो में राहुल कहते नजर आए, ''वे 12 लाख रुपये मांग रहे हैं. मैं पैसे कहां से लाऊं? मैं मरना नहीं चाहता, लेकिन मुझे कोई रास्ता नहीं दिख रहा. पत्नी कह रही है कि मैं तुम्हारी जिंदगी नरक बना दूंगी. आज मेरा आखिरी दिन है. मैं जीना नहीं चाहता.''