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अपील या आरोप? जजों से ये कैसा सवाल कर रही हैं ममता बनर्जी! न्यायपालिका को ही कटघरे में किया खड़ा

Mamata Banerjee on Judges: राजनीतिक नेताओं की ओर से न्यायपालिका पर दबाव बनाने की बात अक्सर कही जाती है, हालांकि जब भी इस तरह के सवाल पूछे जाते हैं तो हमेशा ये सफाई दी जाती है कि न्यायपालिका और राजनीति दोनों एक-दूसरे से अलग काम करते हैं. इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने न्यायपालिका से कुछ ऐसा कहा है जिससे ये कन्फ्यूजन हो सकती है कि ये उनकी अपील है या जजों पर आरोप.

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Mamata Banerjee
Courtesy: Social

Mamata Banerjee on Judges: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को कोलकाता में आयोजित एक कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट और निचली अदालतों के जजों से अपील करते हुए कहा कि न्यायपालिका पूरी तरह से शुद्ध, ईमानदार और पवित्र होनी चाहिए. इस दौरान उन्होंने जजों से अपील करते हुए कहा कि वे इस बात को सुनिश्चित करें कि ज्यूडिशियरी किसी भी तरह से राजनीतिक प्रभाव में न आए.

लोकसभा चुनावों में भी टीएमसी ने ज्यूडिशियरी पर उठाए थे सवाल

उल्लेखनीय है कि हाल ही में समाप्त हुए लोकसभा चुनावों के दौरान सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी समेत कई टॉप लीडर्स ने अक्सर आरोप लगाए कि ज्यूडिशियरी का एक वर्ग भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं के प्रभाव में काम कर रहा है. 

टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने लोकसभा चुनावों के दौरान मिदनापुर ईस्ट में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था, 'मैं अपनी नौकरी खोने वाले सभी योग्य व्यक्तियों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि टीएमसी इन चुनौतीपूर्ण समय के दौरान उनके साथ खड़ी रहेगी. हम किसी भी योग्य उम्मीदवार को परेशान नहीं होने देंगे. न्यायपालिका की ओर से उठाया गया यह कदम जिसे कुछ खास लोगों ने दिया है वो भाजपा से प्रभावित नजर आते हैं, जो कि निंदनीय है.'

सीजेआई चंद्रचूड़ ने हाल ही में दिया था जवाब

जहां टीएमसी ने कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाया तो वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यायपालिका पर हमला करने के लिए एक रैली से टीएमसी की आलोचना की थी. अब न्यायपालिका को समर्पित इस कार्यक्रम के दौरान ममता बनर्जी को सभी जजों को ये कहना कि आपको देखना होगा फैसले राजनीतिक पक्षपात से मुक्त हो, ये आरोप जैसा लगता है जो उनकी चुनावी बात को फिर से दोहराता है.

गौरतलब है कि राजनीतिक पक्षपात को लेकर न्यायपालिका को अक्सर कटघरे में खड़ा किया जाता है लेकिन हाल ही में जब ये सवाल सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ से इसको लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने साफ किया कि अपने 24 साल के करियर में मैंने आजतक कोई राजनीतिक दबाव महसूस नहीं किया. हालांकि हम ये जानते हैं कि हमारे फैसलों का राजनीतिक असर कितना होता है.

आपको बता दें कि ममता बनर्जी ने जिस समारोह में ये बात कही वहां पर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ भी मौजूद थे.