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India Daily

'AI से डरने की जरूरत नहीं क्योंकि... ', लेक्स फ्रिडमैन पॉडकास्ट में बोले PM मोदी, 5G, एआई और अंतरिक्ष पर कही ये बात

पीएम ने कहा, "चंद्रयान जैसे मिशन बेहद किफायती हैं. हमारा चंद्रयान मिशन हॉलीवुड की एक ब्लॉकबस्टर फिल्म से भी कम खर्च में पूरा हुआ. दुनिया हमारी कुशलता देखकर सोचती है कि भारत के साथ साझेदारी क्यों न करें?"

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Any AI is incomplete without India PM Modi said on Lex Fridman podcast

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लेक्स फ्रिडमैन के साथ लगभग ढाई घंटे की खुली बातचीत में भारत की कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), तकनीकी प्रतिभा और अंतरिक्ष क्षेत्र में बढ़ती ताकत पर प्रकाश डाला. उन्होंने इस दौरान मानव बुद्धि की अहमियत और वैश्विक स्तर पर भारत की अनिवार्य भूमिका पर जोर दिया.

AI में भारत की अनिवार्य भूमिका
पीएम मोदी ने कहा, "दुनिया AI के साथ चाहे जो कर ले, भारत के बिना यह अधूरा रहेगा. मैं यह बात पूरी जिम्मेदारी से कह रहा हूं. क्या कोई अकेले AI को पूरी तरह विकसित कर सकता है?" उन्होंने भारत को AI क्रांति का एक अभिन्न हिस्सा बताया और कहा कि कोई भी देश अकेले इस क्षेत्र में आगे नहीं बढ़ सकता. उन्होंने 5G के उदाहरण से भारत की तेज प्रगति को समझाया. पीएम ने कहा, "दुनिया को लगता था कि हम 5G में बहुत पीछे हैं, लेकिन जब हमने शुरुआत की, तो भारत सबसे तेजी से पूरे नेटवर्क को लागू करने वाला देश बन गया. यह भारत की क्षमता और दृढ़ संकल्प को दर्शाता है.''

भारत का प्रतिभा भंडार
मोदी ने बताया कि हाल ही में एक अमेरिकी टेक अधिकारी ने उनसे कहा था कि अमेरिका में इंजीनियरिंग नौकरियों के लिए मुश्किल से एक कमरा भर पाएगा, लेकिन भारत में फुटबॉल मैदान भी छोटा पड़ जाएगा. उन्होंने कहा, "भारत के पास प्रतिभा का विशाल भंडार है, और यही हमारी सबसे बड़ी ताकत है. AI को मानव बुद्धि से संचालित और निर्देशित किया जाता है, और भारत के युवाओं में यह बुद्धि प्रचुर मात्रा में है."

उन्होंने गूगल के सुंदर पिचाई, माइक्रोसॉफ्ट के सत्य नडेला और पेरप्लेक्सिटी AI के अरविंद श्रीनिवास जैसे भारतीय मूल के CEOs का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में जन्मभूमि और कर्मभूमि दोनों के प्रति समान सम्मान सिखाया जाता है. उन्होंने कहा, "टीम में काम करने की क्षमता ज्ञान से ज्यादा मायने रखती है. संयुक्त परिवारों और खुले समाज में पले-बढ़े भारतीय स्वाभाविक रूप से नेतृत्व और समस्या-समाधान की कला सीखते हैं," .

अंतरिक्ष और स्टार्टअप में भारत की उड़ान
पीएम ने अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की प्रगति पर भी बात की. उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले इस क्षेत्र को खोलने के बाद अब 200 से ज्यादा निजी कंपनियां अंतरिक्ष तकनीक पर काम कर रही हैं. पीएम ने कहा, "चंद्रयान जैसे मिशन बेहद किफायती हैं. हमारा चंद्रयान मिशन हॉलीवुड की एक ब्लॉकबस्टर फिल्म से भी कम खर्च में पूरा हुआ. दुनिया हमारी कुशलता देखकर सोचती है कि भारत के साथ साझेदारी क्यों न करें?"

AI से डरने की जरूरत नहीं
AI के इंसानों को खत्म करने के डर पर पीएम ने कहा कि तकनीक और मानवता के बीच कोई टकराव नहीं है. "इंसान हमेशा तकनीक से आगे रहा है. यह हमेशा से ऐसा ही रहा है. इंसान ही तकनीक का सबसे बेहतर इस्तेमाल ढूंढता है." उन्होंने यह भी कहा कि AI हमें यह सोचने पर मजबूर कर रही है कि इंसान होने का असली मतलब क्या है. उन्होंने आगे कहा, "AI बना सकती है, भविष्यवाणी कर सकती है, लेकिन क्या यह एक-दूसरे की परवाह कर सकती है? यह इंसानों की खासियत है."

वैश्विक सहयोग की अपील
मोदी ने AI को एक साझा मिशन बताया, न कि प्रतिस्पर्धा. उन्होंने कहा कि भारत सिर्फ सैद्धांतिक मॉडल नहीं बना रहा, बल्कि वास्तविक अनुप्रयोगों पर काम कर रहा है और एक सुलभ GPU बाजार तैयार कर रहा है. भारत की यह पहल न केवल तकनीकी प्रगति को बढ़ावा दे रही है, बल्कि वैश्विक सहयोग को भी मजबूत कर रही है. यह बातचीत भारत के तकनीकी भविष्य, उसकी प्रतिभा और वैश्विक योगदान को रेखांकित करती है.