menu-icon
India Daily

'PM मोदी से नाराज हैं मणिपुर के लोग', हिंसा के बीच पूर्व गर्वनर ने कर दिया बड़ा खुलासा

Manipur News: मणिपुर में जिस तरह से पिछले साल हिंसा हुई थी उसने देश ही नहीं पूरे विश्व का ध्यान खींचा था. बीते दिनों फिर से राज्य में हिंसा की खबर सामने आई है. इसी बीच राज्य की पूर्व गर्वनर अनुसुइया उइके ने कहा कि राज्य के लोग पीएम मोदी के मणिपुर न आने से नाराज हैं.

auth-image
Edited By: India Daily Live
Anusuiya Uikey
Courtesy: @AnusuiyaUikey

Manipur News: मणिपुर में एक बार फिर से हिंसा की खबरे सामने आई हैं. बीते दिनों हिंसा में कई लोगों की मौत भी हुई थी. इसी बीच मणिपुर की पूर्व राज्यपाल अनुसुइया उइके ने रविवार को कहा कि हिंसा प्रभावित राज्य के लोग इस बात से दुखी हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभी उनसे मिलने नहीं आए हैं. 

हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मणिपुर के लोग प्रधानमंत्री मोदी को पसंद करते हैं. यहां किए गए विकास कार्यों की वजह से लोग उनका सम्मान करते हैं. वे थोड़े दुखी हैं और कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री को मणिपुर का दौरा करना चाहिए.

घटना पर थी पीएम मोदी की नजर, पल-पल की ले रहे थे अपडेट

जब उनसे पूछा गया कि क्या प्रधानमंत्री मोदी ने मणिपुर के लोगों को निराश किया है, तो अनुसुइया उइके ने कहा, "नहीं, मुझे ऐसा नहीं लगता. उस समय प्रधानमंत्री मोदी फ्रांस गए थे. भारत लौटने के बाद उन्होंने कैबिनेट मीटिंग में इस मुद्दे पर चर्चा भी की. केंद्र सरकार मणिपुर में स्थिति पर लगातार नजर रख रही थी. गृह मंत्री स्थिति पर नियंत्रण बनाए हुए थे, जो लगातार बदल रही थी. स्थिति धीरे-धीरे शांतिपूर्ण हो रही थी. प्रधानमंत्री ने भी मणिपुर में हो रही घटनाओं पर चिंता जताई थी."

पिछले साल मई में मणिपुर में हिंसा भड़की थी. इस हिंसा में इतेई और कुकीज के बीच संघर्ष देखने को मिला था. इसमें करीब 200 लोगों से अधिक लोगों की मौत हो गई थी. महीनों तक हिंसा चली थी. इस हिंसा को लेकर राजनीति भी खूब हुई थी. कांग्रेस मोदी सरकार पर हमलावार थी. कांग्रेस के साथ अन्य विपक्षी दल भी मणिुल के मुद्दे को लेकर लोकसभा और राज्यसभा में चर्चा की मांग कर रहे थे. 

राज्य और केंद्र में है समन्वय

अनुसुइया उइके ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के बीच समन्वय है. मैंने भी सीएम, मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और अन्य शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठकें की हैं. हमने भविष्य की घटनाओं, राहत शिविरों में रह रहे लोगों की कठिनाइयों पर चर्चा की थी.  केंद्र सरकार ने हिंसा में प्रभावित हुए लोगों को 10 लाख, 7 लाख और 5 लाख रुपये का मुआवजा प्रदान किया था.