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'अंबेडकर का संविधान चलेगा, मुगलिया फरमान नहीं', वक्फ विधेयक पर संसद में गरजे अनुराग ठाकुर, बोले- भारत को वक्फ के खौफ से आजादी चाहिए

Anurag Thakur on Waqf Bill: लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा जारी है. बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने भी इस मुद्दे पर संसद में अपनी बात रखी.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
Anurag Thakur on Waqf Bill says Waqf Bill an attack on injustice cannot allow another partition of c
Courtesy: Social Media

Anurag Thakur on Waqf Bill: लोकसभा में चल रही वक्फ संशोधन विधेयक पर बहस में बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि भारत ने 1947 में एक विभाजन देखा था लेकिन अब दूसरी बार देश को बांटने की इजाजत भारत नहीं दे सकता. उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा, "1947 में देश का जो बंटवारा हुआ वह एक पार्टी एक परिवार की वजह से हुआ. और लैंड जिहाद के नाम पर हम देश का दूसरा बंटवारा नहीं होने देंगे. भारत को वक्फ के खौफ से आजादी चाहिए."

लोकसभा में अनुराग ठाकुर ने वक्फ संशोधन विधेयक पर बोलते हुए कहा कि जो राजनीतिक पार्टियां इस बिल का विरोध कर रही हैं उनका राजनीतिक उद्देश्य हैं. वो यह नहीं देख रही हैं कि वक्फ की संपत्तियों का किस तरह से दुरुपयोग किया जा रहा है. उन्होंने दावा किया कि कुछ ताकतवर लोगों के हाथ में ही वक्फ की संपत्तियां हैं. अनुराग ठाकुर ने कहा," वक्फ की संपत्तियों पर सिर्फ 20 लोगों का कंट्रोल है. गरीब हिंदुओं दलितों, आदिवासियों और पिछड़ा वर्ग की जमीने छीनकर वक्फ की बता दी गईं. इस अन्याय पर कोई बात नहीं करता. विपक्ष इस मुद्दे को उठाने से क्यों डरता है."

वक्फ संशोधन विधेयक बिल का उद्देश्य वक्फ की संपत्तियों के प्रंबंधन में संरचनात्मक बदलाव लाना, उसमे सरकार का हस्तक्षेप होना और उसके नियमों को और कठोर बनाना ताकि वक्फ की संपत्तियों के साथ छेड़छाड़ न की जा सके. अनुराग ठाकुर ने कहा कि वक्फ का जो पुराना प्रबंधन है वह गलत तरीके से किसी भी जमीन पर कंट्रोल करने की इजाजत देता है. 

अनुराग ठाकुर ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा-"देश को वक्फ के खौफ से आजादी चाहिए. यह आपको तय करना है कि बाबा साहब के संविधान के साथ रहना है या वक्फ के साथ रहना है. यह हिंदुस्तान है. पकिस्तान और तालिबान नहीं. यह देश बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान से चलेगा. मुगलिया फरमान से नहीं."

यह विधेयक अब एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया है. सरकार इसे पारित करने के लिए जोर दे रही है और विपक्ष इसे अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर हमला बता रहा है.