Another Ram temple inaugurated on 22 January: अयोध्या में जब पीएम मोदी 22 जनवरी को भव्य राम मंदिर का उद्घाटन कर रहे थे, उसी दौरान देश में एक और राम मंदिर का उद्घाटन किया जा रहा था. ये मंदिर अयोध्या से करीब 1000 किलोमीटर दूर बना है. स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इस नए मंदिर के निर्माण में स्थानीय गांव के लोगों और रामभक्तों का सहयोग रहा है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऐतिहासिक शहर अयोध्या से 1000 किमी से अधिक दूर ये मंदिर ओडिशा में बना है, जो समुद्र तल से लगभग 1,800 फीट ऊपर पहाड़ी पर बनाया गया है. कहा जा रहा है कि जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में भव्य राम मंदिर के उद्घाटन किया, ओडिशा के नयागढ़ के फतेगढ़ गांव में भी भगवान राम को समर्पित 73 फुट ऊंचे मंदिर का उद्घाटन कर दिया गया.
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, ओडिशा में बना राम मंदिर ग्रामीणों और राम भक्तों के दान से बनाया गया है. फतेगढ़ के निवासियों ने मंदिर के निर्माण के लिए आवश्यक धनराशि का आधा योगदान दिया. 2017 में फतेहगढ़ के मंदिर का निर्माण शुरू किया गया था. मंदिर बनाने में 150 से अधिक मजदूरों ने श्रमदान दिया. इन मजदूरों के 7 साल की मेहनत के बाद मंदिर को पूरा किया गया.
स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार, पहाड़ी पर बना ये राम मंदिर भक्तों की आस्था के केंद्र के साथ-साथ पर्यटन के लिहाज से भी अपनी छाप छोड़ेगा. मंदिर के चारों ओर हरियाली है. ड्रोन से ली गई मंदिर की तस्वीर काफी मनभावन आई है.
स्थानीय रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंदिर निर्माण के लिए गांव के लोगों ने श्रीराम सेवा परिषद समिति का गठन किया, जिसके बाद समिति की देखरेख में मंदिर का निर्माण किया गया. स्थानीय लोग बताते हैं कि इस मंदिर का इतिहास काफी समृद्ध है. राज्य में सूखे के समय में इसी मंदिर में बारिश के लिए प्रार्थना की जाती है. इस मंदिर को गिरि गोवर्धन भी कहा जाता है.
मंदिर का निर्माण पारंपरिक ओडिया वास्तुकला शैली में किया गया है. मंदिर की संरचना प्रतिष्ठित तारा तारिणी और कोणार्क मंदिरों की याद दिलाता है. मंदिर का गर्भगृह 65 फीट की ऊंचाई पर बनाया गया है. मुख्य मंदिर के चारों ओर सूर्य देव, भगवान शिव, भगवान गणेश और भगवान हनुमान को समर्पित चार अतिरिक्त मंदिर बनाया गया है.
जानकारी के मुताबकि, मंदिर भापुर ब्लॉक में स्थित है. इस मंदिर को बनाने में 10 करोड़ रुपये की लागत आई है. बताया जा रहा है कि 22 जनवरी को मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए पुरी गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य, स्वामी निश्चलानंद सरस्वती, पुरी के राजा गजपति दिव्यसिंघ देब और विभिन्न स्थानों के संतों को आमंत्रित किया गया था.
नए मंदिर की प्रतिष्ठा का अनुष्ठान बुधवार को अंकुरोपण के साथ शुरू हुआ और गुरुवार को कलश यात्रा निकाली गई. अभिषेक समारोह के लिए फतेगढ़ गांव की सैकड़ों महिलाएं महानदी से जल लेकर आईं.
मंदिर पर काम 2017 में उस वक्त शुरू हुआ, जब गांव के चक्रधर प्रधान को उनके सपने में पहाड़ी की चोटी पर राम मंदिर के निर्माण का निर्देश मिला. ग्रामीणों ने मंदिर के निर्माण में प्रधान की मदद की.