अन्नामलाई ने पुलिस पर एफआईआर लीक करने का आरोप लगाया, बोले-DMK को सत्ता से हटाने तक चप्पल नहीं पहनूंगा

तमिलनाडु बीजेपी प्रमुख के. अन्नामलाई ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य पुलिस ने एक एफआईआर लीक कर दी, जिससे पीड़िता की पहचान सार्वजनिक हो गई.उनका कहना है कि एफआईआर को इस तरीके से लिखा गया है, जिससे पीड़िता को मानसिक और सामाजिक शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा.

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तमिलनाडु बीजेपी प्रमुख के. अन्नामलाई ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य पुलिस ने एक एफआईआर लीक कर दी, जिससे पीड़िता की पहचान सार्वजनिक हो गई.उनका कहना है कि एफआईआर को इस तरीके से लिखा गया है, जिससे पीड़िता को मानसिक और सामाजिक शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा. अन्नामलाई ने राज्य सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए अपनी नाराजगी जाहिर की है और कहा कि इस तरह की घटनाओं से समाज में असुरक्षा और अव्यवस्था फैलती है.

तमिलनाडु बीजेपी प्रमुख के. अन्नामलाई ने अन्ना यूनिवर्सिटी में छात्रा के साथ हुए यौन उत्पीड़न के मामले को लेकर डीएमके सरकार और मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन पर तीखा हमला किया है.अन्नामलाई ने दावा किया है कि गिरफ्तार आरोपी ज्ञानसेकरन, जो इस घटना का मुख्य आरोपी है, पहले से ही 15 गंभीर मामलों में शामिल रहा है. इसके बावजूद, उसे पुलिस की निगरानी सूची में नहीं रखा गया. अन्नामलाई का आरोप है कि पुलिस द्वारा की गई यह गलती न केवल पीड़िता के अधिकारों का उल्लंघन करती है, बल्कि समाज में महिलाओं के प्रति संवेदनहीनता को भी बढ़ावा देती है. उन्होंने यह भी कहा कि यह सरकार की नाकामी को दर्शाता है, जो इस तरह की संवेदनशील मुद्दों को संभालने में असमर्थ है. 

चप्पल उतारकर ऐलान

अन्नामलाई ने इस मामले में अपनी नाराजगी और विरोध जताने के लिए चप्पल उतारकर ऐलान किया कि वह तब तक चप्पल नहीं पहनेंगे जब तक तमिलनाडु की डीएमके सरकार सत्ता से बाहर नहीं हो जाती. उनका यह कदम राज्य सरकार के खिलाफ उनके गुस्से को स्पष्ट रूप से व्यक्त करता है और उनके समर्थकों के बीच एक मजबूत संदेश देने की कोशिश है.

डीएमके सरकार पर बरसे अन्नामलाई

अन्नामलाई के इस बयान ने राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है और राज्य सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि अगर डीएमके सरकार पीड़ितों की सुरक्षा और गोपनीयता की रक्षा करने में विफल रहती है, तो यह सरकार पूरी तरह से असफल मानी जाएगी. अन्नामलाई का यह कदम उनके राजनैतिक दृष्टिकोण और डीएमके सरकार के प्रति उनके निरंतर विरोध को और मजबूत करता है. 

इस घटना ने न केवल पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को लेकर समाज में एक व्यापक बहस भी शुरू कर दी है. अब देखना यह होगा कि राज्य सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है और क्या अन्नामलाई के आरोपों की जांच होती है.