Andhra Pradesh ONGC employee: आंध्र प्रदेश के काकीनाडा से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) के 37 वर्षीय एक कर्मचारी ने अपने दो बेटों की निर्मम हत्या करने के बाद खुदकुशी कर ली. बताया जा रहा है कि वह अपने बच्चों के खराब शैक्षणिक प्रदर्शन से बेहद निराश था, जिसके चलते उसने यह खौफनाक कदम उठाया.
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, यह दुखद घटना शुक्रवार सुबह करीब 10 बजे हुई. पुलिस ने बताया कि व्यक्ति अपने बच्चों के परीक्षा परिणाम से बेहद परेशान था. गुस्से और निराशा में आकर उसने दोनों बच्चों को पानी से भरी बाल्टी में डुबो दिया, जिससे उनकी मौत हो गई.
बाल्टी में डुबोकर बच्चों को मारा, फिर खुद लगा ली फांसी
जब उसकी पत्नी घर लौटी, तो उसने पति को फांसी पर लटका पाया, जबकि बच्चे पास ही बाल्टी में मृत अवस्था में मिले। इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी और समाज में मानसिक तनाव और शिक्षा प्रणाली को लेकर नई बहस छेड़ दी है.
'बच्चों के भविष्य को लेकर था चिंतित'
एक पुलिस अधिकारी ने बताया, "व्यक्ति को डर था कि उसके बच्चे पढ़ाई में संघर्ष करेंगे और प्रतिस्पर्धात्मक दुनिया में आगे नहीं बढ़ पाएंगे. इसी मानसिक दबाव में आकर उसने यह कठोर कदम उठा लिया." पुलिस को घटनास्थल से एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसकी जांच की जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि फोरेंसिक टीम को जांच के लिए तैनात कर दिया गया है और इस त्रासदी के सटीक कारणों का पता लगाया जा रहा है।
इसी तरह की एक और घटना ने झकझोरा
ऐसा ही एक और मामला सामने आया है, जिसमें एक 35 वर्षीय व्यक्ति ने अपने सात वर्षीय बेटे की गला घोंटकर हत्या कर दी और फिर खुद आत्महत्या कर ली. अधिकारियों के अनुसार, "माँ जब बाजार गई थी, तब यह घटना हुई। वापस लौटने पर उसने बेटे का शव लटका पाया। शव को तुरंत सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया." माँ ने इस घटना के बाद अपने पति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, लेकिन वह मौके से फरार हो गया. हालांकि, एक दिन बाद उसका शव घटनास्थल से तीन किलोमीटर दूर पेड़ से लटका मिला।.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलेगा मौत का राज
पुलिस का कहना है कि शुरुआती जांच में मामला आत्महत्या का लग रहा है, लेकिन वास्तविक कारणों का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही चलेगा. जांच अधिकारी ने बताया, "हमने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और रिपोर्ट आने के बाद ही पिता और पुत्र की मौत की सटीक वजह सामने आएगी. इस तरह की घटनाएं समाज में मानसिक स्वास्थ्य, अभिभावकों की उम्मीदों और शिक्षा प्रणाली के दबाव को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर रही हैं.