CM Chandrababu Naidu: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने शुक्रवार को ऐलान किया कि तिरुमाला स्थित भगवान श्री वेंकटेश्वर मंदिर में केवल हिंदू धर्म के लोग ही नौकरी कर पाएंगे. अन्य धर्मों के कर्मचारिय का सम्मानपूर्वक ट्रांसफर किया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने यह टिप्पणी अपने पोते एन. देवांश नायडू के जन्मदिन के अवसर पर मंदिर की यात्रा के दौरान की. यह बयान तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) बोर्ड द्वारा "गैर-हिंदू धार्मिक गतिविधियों में भाग लेने वाले" 18 कर्मचारियों के ट्रांसफर के लगभग दो महीने बाद आया है.
నా మనవడు దేవాన్ష్ పుట్టినరోజు సందర్భంగా కుటుంబసభ్యులతో కలిసి తిరుమల శ్రీ వేంకటేశ్వర స్వామిని దర్శించుకున్నాను. అనంతరం రంగనాయకుల మండపంలో వేద పండితుల ఆశీర్వచనాలు అందుకున్నాం. ఈ సందర్భంగా తరిగొండ వెంగమాంబ అన్నదాన సత్రంలో ఒక రోజు ప్రసాదాల పంపిణీకి అయ్యే ఖర్చు రూ.44 లక్షలను విరాళంగా… pic.twitter.com/vDP2abmO3q
— N Chandrababu Naidu (@ncbn) March 21, 2025
गैर-हिंदू कर्मचारियों का ट्रांसफर अनिवार्य
नायडू ने कहा, 'अगर अन्य धर्मों के लोग अभी भी मंदिर में कार्यरत हैं, तो उन्हें सम्मानपूर्वक अन्य स्थानों पर ट्रांसफर कर दिया जाएगा. यदि ईसाई या मुस्लिम समुदाय के लोग हिंदू मंदिर में कार्य करना नहीं चाहते, तो उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए उन्हें अन्य स्थानों पर ट्रांसफर किया जाएगा.
35 एकड़ भूमि आवंटन रद्द
CM नायडू ने यह भी घोषणा की कि तिरुपति में होटल डेवलपर्स देवलोक, एमआरकेआर और मुमताज बिल्डर्स को आवंटित 35 एकड़ भूमि को रद्द किया जा रहा है. यह आवंटन पिछली वाईएसआर कांग्रेस सरकार द्वारा किया गया था. उन्होंने जोर देकर कहा कि यह कदम 'मंदिर नगर की पवित्रता की रक्षा के लिए उठाया गया है.'
भगवान वेंकटेश्वर के मंदिरों का विस्तार
नायडू ने कहा कि राज्य के कई गांवों में भगवान वेंकटेश्वर के मंदिर बनाने की मांग उठ रही है. इसके लिए एक ट्रस्ट स्थापित किया जाएगा, जो धन जुटाने और मंदिर निर्माण कार्यों का संचालन करेगा. उन्होंने कहा, 'अन्न दानम (खाद्य वितरण) कार्यक्रम दिवंगत मुख्यमंत्री एन.टी. रामाराव के कार्यकाल में शुरू किया गया था. अब हमने 'प्राण दानम' (जीवनदान) कार्यक्रम की शुरुआत की है. तीसरे चरण में, हम मंदिरों के निर्माण की योजना बना रहे हैं और यह ट्रस्ट केवल भगवान की सेवा के लिए समर्पित होगा.'
टीटीडी के फैसले का अनुपालन
टीटीडी द्वारा 1 फरवरी को 18 गैर-हिंदू कर्मचारियों को तिरुमाला से ट्रांफर किया गया था. इनमें छह शिक्षक, एक उप कार्यकारी अधिकारी (कल्याण), एक सहायक कार्यकारी अधिकारी, एक सहायक तकनीकी अधिकारी (विद्युत), एक छात्रावास कर्मचारी, दो इलेक्ट्रीशियन और दो नर्स शामिल थे. यह निर्णय टीटीडी बोर्ड की बैठक के बाद लिया गया था.