राज्य सभा में अंबेडकर और संविधान पर दिए अपने बयान को लेकर घिरे गृह मंत्री अमित शाह ने आज दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सफाई दी. उन्होंने कहा कि विपक्ष उनके बयान को तोड़ मरोड़कर पेश कर रहा है और उन्हें अंबेडकर और संविधान के विरोधी के रूप में चित्रित करने की कोशिश कर रहा है. शाह ने कहा, 'मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेस किया गया, कांग्रेस फर्जी खबर फैला रही है. मैं कभी भी अंबेडकर जी के खिलाफ नहीं बोल सकता.'
शाह ने आगे कहा, 'उन्होंने (कांग्रेस) डॉ. अंबेडकर पर मेरे बयान को जनता के सामाने तोड़ मरोड़कर पेश किया. मैं सभी से निवेदन करता हूं कि वे मेरे पूरे बयान को सुनें, इससे सब साफ हो जाएगा. मैं एक ऐसी पार्टी और ऐसे समाज से आता हूं जो सपनों में भी अंबेडकर जी का अपमान नहीं कर सकती.'
🚨🚨Stringent action will be taken against those who spread edited videos of Amit Shah ji. pic.twitter.com/vj2zKBybsa
— BALA (@erbmjha) December 18, 2024
शाह ने क्या दिया था बयान
मंगलवार को अमित शाह ने संसद में बहस के दौरान कहा था, 'अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर. इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता.'
विपक्ष ने बोला हमला
अमित शाह के इस बयान को विपक्षी सांसदों ने मुद्दा बना लिया और बुधवार को संसद के सामने विरोध प्रदर्शन किया. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़के ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अमित शाह का इस्तीफा मांगा.
खड़गे ने कहा, 'हमारी मांग है कि अमित शाह माफी मांगे और अगर पीएम मोदी डॉ. अंबेडकर का सम्मान करते हैं तो उन्हें आधी रात से पहले अमित शाह को पद से हटा देना चाहिए. उन्हें कैबिनेट में रहने का कोई हक नहीं है. उन्हें हटाया जाना चाहिए तब ही लोग शांत होंगे वरना विरोध करते रहेंगे. लोग बी आर अंबेडकर के लिए जान देने को तैयार हैं.'