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Women Reservation Bill: अमित शाह का राहुल गांधी पर जवाबी पलटवार, बोले- '85 OBC सांसद, तुलना करना है तो आ जाइए...'

Women Reservation Bill: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा कि इन्होंने कहा कि देश जो लोग चलाते हैं उनमें सिर्फ तीन ओबीसी हैं. मेरी समझ है कि देश सरकार चलाती है. देश के नीतियों का निर्धारण कैबिनेट करती है.

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Edited By: Avinash Kumar Singh
Women Reservation Bill: अमित शाह का राहुल गांधी पर जवाबी पलटवार, बोले- '85 OBC सांसद, तुलना करना है तो आ जाइए...'

Women Reservation Bill: महिला आरक्षण बिल पर लोकसभा में बोलते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि भारत सरकार के 90 सचिवों में से सिर्फ 3 ओबीसी से हैं. जिसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन में जवाबी पलटवार करते हुए कहा कि "इन्होंने कहा कि देश जो लोग चलाते हैं उनमें सिर्फ तीन ओबीसी हैं. मेरी समझ है कि देश सरकार चलाती है. देश के नीतियों का निर्धारण कैबिनेट करती है. इस देश की संसद करती है. आंकड़े चाहिए तो मैं बताता हूं, बीजेपी में 29 फीसदी सांसद ओबीसी से हैं. 85 सांसद ओबीसी से हैं. 29 मंत्री ओबीसी से हैं. तुलना करना है तो आ जाइए. हमने ओबीसी से प्रधानमंत्री दिया हैं. बीजेपी के OBC एमएलए 1358 में से 365 यानी 27 फीसदी है. बीजेपी के OBC एमएलसी 163 में से 65 है. यानी 40 फीसदी है, जबकि विपक्ष के लोग तो 33 फीसदी की बात करते हैं."

'ये ऐसा मौका जब संदेश देने की जरूरत'

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि समाज में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने और उनका सम्मान बढ़ाने के लिए हम ये बिल लेकर आए हैं. मैं कुछ बातों का जवाब देना चाहूंगा. मैं किसी भी दल के खिलाफ बोलना नहीं चाहता. लेकिन ये ऐसा मौका है, जब ये संदेश देने की जरूरत है कि महिलाओं के आरक्षण के लिए पूरा देश एकमत है. ये संविधान संशोधन पांचवीं बार पेश हुआ है, इससे पहले 4 बार पेश हुआ था. लेकिन तब ऐसा क्या हुआ कि ये पास नहीं हो पाया. देवगौड़ा जी से लेकर मनमोहन सिंह जी ने प्रयास किया, लेकिन ये पास नहीं हुआ, आखिर ऐसी कौन सी वजह थी. क्या मंशा अधूरी थी या कुछ लोगों ने इसे पास नहीं होने दिया? अब हम सब मिलकर इस बिल को सर्वसम्मति से पारित करके महिला सशक्तीकरण की एक अनूठी मिसाल पेश करें.

'एक तिहाई सीटें मातृशक्ति के लिए आरक्षित'

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इस बिल के जरिए एक तिहाई सीटें मातृशक्ति के लिए आरक्षित हो जाएंगी. इस देश की बेटी न केवल नीतियों के अंदर अपना हिस्सा पाएगी, बल्कि नीति निर्धारण में अहम भूमिका निभाएगी. किसी सिद्धांत के लिए किसी व्यक्ति या संस्था का आकलन करना है, तो कोई एक घटना से फैसला नहीं हो सकता. 2014 में जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने, तो उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दिया. तो उस वक्त उनके बैंक अकाउंट में जितना भी पैसा बचा था, वो पूरा गुजरात सचिवालय के वर्ग तीन और चार के कर्मचारियों की बच्चियों की पढा़ई लिखाई के लिए दिया. इसके लिए कोई कानून नहीं था.

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