Amit Shah Reviews High Level Meeting: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के टॉप अधिकारियों ने आज सुबह जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की, जहां एक सप्ताह के भीतर हुए 4 आतंकी हमलों ने खतरे की घंटी बजा दी है. इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और गृह सचिव अजय भल्ला भी शामिल हुए.
यह बैठक अमरनाथ यात्रा से एक पखवाड़े से भी कम समय पहले हुई है, जिसमें लाखों तीर्थयात्री आते हैं. बैठक में शामिल होने वाले टॉप सुरक्षा अधिकारियों में खुफिया ब्यूरो के निदेशक तपन डेका, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, सेना प्रमुख (पदनाम) लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी और सीआरपीएफ के महानिदेशक अनीश दयाल सिंह शामिल हैं. पिछले सप्ताह चार आतंकी हमलों के बाद केंद्र शासित प्रदेश हाई अलर्ट पर है.
हमलों ने अमरनाथ यात्रा को लेकर सुरक्षा संबंधी चिंताएं भी बढ़ा दी हैं, जो 29 जून से शुरू होकर 19 अगस्त तक जारी रहेगी. अमरनाथ यात्रा के लिए तीर्थयात्री जम्मू-कश्मीर में दो मार्गों - बालटाल और पहलगाम से यात्रा करते हैं. पिछले साल, 4 लाख से अधिक लोगों ने मंदिर का दौरा किया था.
इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह ने दक्षिण कश्मीर के हिमालय में 29 जून से शुरू होने वाली सालाना 43 दिवसीय अमरनाथ यात्रा की तैयारियों की भी समीक्षा की. इस दौरान हवाई अड्डे और रेलवे स्टेशन से तीर्थस्थल आधार शिविर तक के मार्ग पर सुचारू व्यवस्था प्रदान करने और सभी तीर्थयात्रियों की उचित सुरक्षा पर जोर दिया. इतना ही नहीं बैठक में जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों को तेज करने के लिए व्यापक दिशा-निर्देश भी बनाए गए और उसे सभी खुफिया एजेंसियों के बीच साझा किया गया.
गृह मंत्री द्वारा आज की गई उच्च स्तरीय बैठक ऐसे समय में हुई है, जब पिछले चार दिनों में जम्मू-कश्मीर के रियासी, कठुआ और डोडा जिलों में चार स्थानों पर आतंकवादी हमले हुए हैं, जिनमें नौ तीर्थयात्री और एक सीआरपीएफ जवान मारे गए हैं और सात सुरक्षाकर्मी तथा कई अन्य घायल हुए हैं.
गौरतलब है कि 9 जून को रियासी में एक बस को निशाना बनाकर किए गए आतंकवादियों के हमले में नौ तीर्थयात्री मारे गए और 41 अन्य घायल हो गए. अन्य हमलों में सीआरपीएफ का एक जवान मारा गया और कई अन्य घायल हो गए. जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रहे हमले तीसरी नरेंद्र मोदी सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर उभरे हैं, जिसने 2019 में जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद से लगातार जम्मू-कश्मीर में अपेक्षाकृत शांति का प्रदर्शन किया है.
अपने तीसरे कार्यकाल की शुरुआत के तुरंत बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्र शासित प्रदेश की स्थिति पर चर्चा करने के लिए टॉप अधिकारियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कहा है कि तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए समन्वित प्रयासों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है.
आतंकी हमलों में बढ़ोतरी और साथ ही आतंकवादियों के देखे जाने की अफवाहों में भी बढ़ोतरी के मद्देनजर राजौरी में नियंत्रण रेखा से लेकर पहाड़ी डोडा और जम्मू के मैदानी इलाकों तक, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षा बल पिछले कुछ दिनों से पूरी तरह सतर्क हैं . शुक्रवार को एक और वीडियो वायरल हुआ जिसमें कुछ लोग एक वाहन में बंदूकें लेकर जा रहे थे जिसके बाद पुलिस को यह साफ करना पड़ा कि वाहन में CRPF के जवान सवार थे. उन्होंने लोगों को सलाह दी कि वे "चारों ओर नजर रखें, लेकिन अफवाहों और डर फैलाने वालों पर ध्यान न दें".