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112 भारतीय निर्वासितों के तीसरे जत्थे को लेकर अमृतसर उतरा अमेरिकी विमान, सामने आया वीडियो

निर्वासितों में पटियाला जिले के राजपुरा के दो युवक भी शामिल थे, जिन्हें अमृतसर में उतरने पर पुलिस ने हत्या के एक मामले में गिरफ्तार किया. आरोपी - संदीप सिंह उर्फ ​​सनी और प्रदीप सिंह - 2023 में राजपुरा में दर्ज हत्या के एक मामले में वांछित थे.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
American plane lands in Amritsar carrying third batch of 112 Indian exiles
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भारतीय निर्वासित नागरिकों का तीसरा बैच लेकर एक अमेरिकी विमान रविवार को श्री गुरु राम दास अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे, अमृतसर में उतरा. इस उड़ान में लगभग 112 निर्वासित व्यक्ति थे, जिनमें से सबसे अधिक हरियाणा के थे.

विभिन्न राज्यों से निर्वासित

112 निर्वासित व्यक्तियों में से 44 हरियाणा से, 33 गुजरात से, 31 पंजाब से, दो उत्तर प्रदेश से और एक-एक हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड से थे.

लगातार निर्वासन
यह उड़ान उसके एक दिन बाद आई है जब 117 अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर एक अमेरिकी सैन्य विमान अमृतसर में उतरा था. C-17 विमान शनिवार रात करीब 11.35 बजे अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरा था. उन 117 व्यक्तियों में से 65 पंजाब से, 33 हरियाणा से, आठ गुजरात से, तीन उत्तर प्रदेश से, दो-दो महाराष्ट्र और राजस्थान से, और एक-एक गोवा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर से थे.

हथकड़ी और बेड़ी का दावा
विमान में सवार तीन निर्वासितों ने दावा किया कि यात्रा के दौरान उन्हें हथकड़ी लगाई गई थी और उनके पैर बांध दिए गए थे.

हत्या के मामले में गिरफ्तारी
निर्वासितों में पटियाला जिले के राजपुरा के दो युवक भी शामिल थे, जिन्हें अमृतसर में उतरने पर पुलिस ने हत्या के एक मामले में गिरफ्तार किया. आरोपी - संदीप सिंह उर्फ ​​सनी और प्रदीप सिंह - 2023 में राजपुरा में दर्ज हत्या के एक मामले में वांछित थे.

पहली उड़ान और हथकड़ी विवाद
भारतीय निर्वासितों का पहला बैच 5 फरवरी को अमृतसर पहुंचा था. श्री गुरु राम दास अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरे विमान में 104 भारतीय नागरिक सवार थे. उस उड़ान के कई निर्वासितों ने दावा किया था कि यात्रा के दौरान उनके हाथ और पैर बंधे रहे और उन्हें अमृतसर में उतरने के बाद ही खोला गया.

इसने देशव्यापी आक्रोश को जन्म दिया, विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वाशिंगटन की अपनी यात्रा के दौरान इस मुद्दे को अमेरिका के साथ उठाने की मांग की. भारत में व्यापक आक्रोश के बाद, नई दिल्ली ने निर्वासितों के साथ व्यवहार के बारे में वाशिंगटन को अपनी चिंताएं व्यक्त की थीं.