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अमरनाथ यात्रा से पहले आपदा संभावित क्षेत्रों को चिन्हित करने के निर्देश

जम्मू-कश्मीर सरकार ने वार्षिक अमरनाथ यात्रा शुरू होने से पहले दोनों मार्गों पर आपदा संभावित क्षेत्रों को चिह्नित करने के निर्देश दिए हैं. एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी. मुख्य सचिव अटल दुल्लू ने श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड की 14वीं उच्च स्तरीय समिति की बैठक में अनंतनाग और गांदरबल के उपायुक्तों को यह निर्देश दिए.

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Edited By: Anvi Shukla
amarnath yatra instructions
Courtesy: pinterest

जम्मू और कश्मीर में अमरनाथ यात्रा 2025 के आयोजन से पहले प्रशासन ने यात्रा मार्ग पर आपदा संभावित क्षेत्रों की पहचान और सुरक्षा इंतजामों को लेकर अहम निर्देश जारी किए हैं. इस बार, यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष ध्यान दिया जा रहा है, ताकि किसी भी अप्रत्याशित घटना से निपटा जा सके. 

आपदा संभावित क्षेत्रों की पहचान: प्रशासन ने अमरनाथ यात्रा मार्ग पर उन स्थानों की पहचान की है, जो प्राकृतिक आपदाओं जैसे बर्फबारी, भूस्खलन, और भारी बारिश की स्थिति में खतरनाक साबित हो सकते हैं. खासकर वो इलाके जहां पहले भी दुर्घटनाएं घट चुकी हैं, उन्हें चिन्हित कर वहां अतिरिक्त सुरक्षा और बचाव उपायों को लागू किया जाएगा. 

किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयारी: 
अमरनाथ यात्रा के दौरान यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि है. प्रशासन ने राहत और बचाव कार्यों को लेकर भी व्यापक योजना बनाई है. आपातकालीन स्थिति में त्वरित कार्रवाई के लिए समर्पित बचाव दल और चिकित्सा टीमों को तैयार रखा जाएगा. इसके अलावा, यात्रा मार्ग पर पर्याप्त संख्या में सीसीटीवी कैमरे और संचार प्रणाली की व्यवस्था भी की जाएगी, ताकि किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में तुरंत मदद मिल सके. 

प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के उपाय: 
आपदा संभावित क्षेत्रों में विशेषज्ञों द्वारा मौसम की स्थिति पर नजर रखी जाएगी, और मौसम में बदलाव के साथ ही यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जाएगा. इसके साथ ही, यात्रा के दौरान किसी भी अप्रत्याशित घटना से निपटने के लिए पहले से प्रशिक्षित टीमों को तैनात किया जाएगा. 

अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा को लेकर प्रशासन का यह कदम बहुत महत्वपूर्ण है. आपदा संभावित क्षेत्रों की पहचान और बचाव इंतजामों को मजबूत करने से यात्रियों की सुरक्षा में वृद्धि होगी. इससे यात्रियों को भी विश्वास मिलेगा कि यात्रा के दौरान उनकी सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है.