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India Daily

केजरीवाल के ‘शीशमहल’ का विस्तार किए जाने के आरोपों की जांच होगी: BJP

केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) को दिल्ली के छह फ्लैगस्टाफ रोड स्थित बंगले के विस्तार के लिए संपत्तियों के कथित विलय और इसकी साज-सज्जा पर हुए खर्च की विस्तृत जांच करने का निर्देश दिया है. भाजपा ने कथित भ्रष्टाचार के कारण इस बंगले को ‘‘शीशमहल’’ करार दिया है. इसमें अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में 2015 से पिछले साल अक्टूबर के पहले सप्ताह तक रहे थे.

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Edited By: Anvi Shukla
arvind kejriwal allegations
Courtesy: pinterest

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर गंभीर आरोप लगाए हैं. भाजपा का कहना है कि केजरीवाल के घर यानी ‘शीशमहल’ का विस्तार किया जा रहा है, और इस मामले की जांच होनी चाहिए. भाजपा के नेता इस मामले को लेकर पूरी तरह से सक्रिय हो गए हैं और उन्होंने मुख्यमंत्री केजरीवाल से इस विस्तार की पूरी जानकारी सार्वजनिक करने की मांग की है.

‘शीशमहल’ का क्या है मामला?

‘शीशमहल’ शब्द का इस्तेमाल भाजपा नेताओं द्वारा केजरीवाल के सरकारी आवास को लेकर किया गया है. भाजपा का आरोप है कि मुख्यमंत्री के आवास का विस्तार और उसमें किए जा रहे बदलावों को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. पार्टी ने इसे एक तरह से सार्वजनिक धन का दुरुपयोग बताया है. भाजपा नेताओं का कहना है कि जब दिल्ली सरकार के पास नागरिकों की मूलभूत सुविधाओं के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं, तो मुख्यमंत्री का आलीशान आवास विस्तार करना कहीं से भी उचित नहीं है.

भाजपा के प्रवक्ता ने कहा, “केजरीवाल जी के ‘शीशमहल’ का विस्तार दिल्ली की जनता के पैसे से हो रहा है. हम सरकार से पूछते हैं कि क्या यह विस्तार पूरी तरह से नियमों के तहत हो रहा है और क्या इसमें किसी तरह का घोटाला या वित्तीय अनियमितता तो नहीं हो रही है?”

जांच की मांग:

भा.ज.पा. ने मुख्यमंत्री के आवास के विस्तार को लेकर एक उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. पार्टी ने आरोप लगाया कि यह विस्तार सरकारी खजाने के पैसों का गलत तरीके से उपयोग हो सकता है. भाजपा नेताओं का कहना है कि यदि इस मामले में कोई भ्रष्टाचार या गड़बड़ी पाई जाती है, तो संबंधित अधिकारियों और जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. इस आरोप पर अब तक मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. हालांकि, दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने इस मामले पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है. भाजपा का कहना है कि अगर इस तरह के आरोप सिरे से निराधार हैं, तो मुख्यमंत्री को इसे जल्दी से स्पष्ट करना चाहिए और जनता को सही जानकारी देनी चाहिए.

भाजपा के आरोपों के बीच, यह मामला अब दिल्ली की राजनीति में गर्माया हुआ है. मुख्यमंत्री के आवास के विस्तार पर होने वाली जांच दिल्ली सरकार और विपक्ष के बीच एक नया विवाद पैदा कर सकती है. अब यह देखना होगा कि इस मामले में क्या कार्रवाई की जाती है और केजरीवाल इस पर क्या सफाई पेश करते हैं.