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ज्ञानवापी मामले से जुड़ीं 5 याचिकाओं पर आज फैसला सुनाएगा हाईकोर्ट, क्या हिंदुओं को मिलेगी पूजा करने की इजाजत

काशी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद विवाद मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट आज यानी मंगलवार को अपना फैसला सुनाएगा.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
ज्ञानवापी मस्जिद मामला

Gyanvapi Case: ज्ञानवापी विवाद मामले में  इलाहाबाद हाईकोर्ट आज यानी मंगलवार को अपना फैसला सुनाएगा. इस मामले में सिविल वाद की पोषणीयता और एएसआई सर्वे आदेश के खिलाफ कोर्ट में 5 याचिकाएं दाखिल की गई थीं. अर्जीकर्ताओं में मस्जिद की इंतजामिया कमेटी और सुन्नी वक्फ बोर्ड प्रमुख थे. दो याचिका सिविल वाद की पोषणीयता और दो एएसआई सर्वे पर दिए गए आदेश के खिलाफ दाखिल की गई हैं.

मस्जिद कमेटी ने केस की मंजूरी पर उठाए सवाल!

मस्जिद की इंतजामिया कमेटी ने वाराणसी कोर्ट में हिंदू पक्ष द्वारा दाखिल की गई सिविल वाद की गोपनीयता पर सवाल उठाए हैं. कमेटी का कहना है कि कोर्ट को सिविल वाद सुनने का अधिकार नहीं है. कमेटी ने पूजा के अधियिम 1991 का हवाला देते हुए  कोर्ट मं दाखिल सिविल वाद की गोपनीयता पर सवाल खड़े किये हैं.

इसके अलावा  कोर्ट ज्ञानवापी परिसर का एएसआई सर्वे कराए जाने के आदेश के खिलाफ दायर दो याचिकाओं पर भी हाईकोर्ट फैसला सुनाएगा.

कोर्ट ने 8 दिसंबर को सुरक्षित रखा था फैसला
हाईकोर्ट को यह तय करना है कि वाराणसी ट्रायल कोर्ट सिविल वाद मामले की सुनवाई कर सकता है या नहीं. बता दें कि इस मामले में 8 दिसंबर को जस्टिस  रंजन अग्रवाल की बेंच ने सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिस पर आज फैसला आना है.

वहीं हिंदू पक्ष की ओर से दाखिल सिविल वाद में ज्ञानवापी का विवादित परिसर हिंदुओं को सौंपने और वहां पूजा-अर्चना करने की इजाजत मांगी गई है.

मंदिर को तुड़वाकर बनी मस्जिद
हिंदू पक्ष के लोगों के मुताबिक मुगल बादशाह ऑरंगजेब ने काशी के विश्वेशर नाथ मंदिर को तोड़कर वहां मस्जिद बना दी थी. हिंदू पक्ष का कहना है कि मंदिर के विवादित परिसर में आज भी मंदिर होने के अवशेष मिल जाती हैं.

वहीं मस्जिद के वकीलों का तर्क है कि 1991 के एक्ट के मुताबिक 15 अगस्त 1947 के बाद के किसी भी धार्मिक स्थल के स्वरूप में बदलाव नहीं किया जा सकता है. ऐसे में हाई कोर्ट क्या फैसला देगा यह देखनी वाली बात होगी.