उत्तर प्रदेश के एक नामी वकील को योगी आदित्यनाथ सरकार सम्मानित करेगी. इस वकील को सम्मान राशि के तौर पर 1 रुपये की राशि दी जाएगी. अब हर कोई हैरान है कि आखिर सम्मान राशि में सिर्फ 1 रुपये ही क्यों दिए जा रहे हैं. 20 साल पुराने इस मामले में कोर्ट ने बाकायदा आदेश जारी किया है और वकील को राहत राशि देने को कहा है. इसके अलावा, कुछ पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की बात भी कही गई है.
यह मामला वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. अशोक निगम से जुड़ा हुआ है. इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक, अशोक निगम को 1 रुपये दिए जाएंगे. इसके लिए उन्होंने 2007 में एक अपील दायर करके मांग उठाई थी कि पुलिस के लाठीचार्ज में घायल हुए वकीलों को राहत राशि दी जाए और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ एक्शन भी लिया जाए.
दरअसल, साल 2004 में प्रदर्शन कर रहे वकीलों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया था. खुद वरिष्ठ वकील अशोक निगम को भी इस लाठीचार्ज में चोटें आई थीं. जब हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई तो अशोक निगम से ही पूछा गया कि वह क्या क्षतिपूर्ति चाहते हैं? इस पर उन्होंने कहा कि मामला सम्मान का है, फायदे या नुकसान का नहीं. अशोक निगम की इस दलील के बाद कोर्ट ने 1 रुपये की सम्मान राशि देने का आदेश दिया.
वरिष्ठ वकील अशोक निगम एल्डर्स कमेटी के चेयरमैन हैं और हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच के जाने-माने वकील हैं. इसी मामले में पूर्व जज की अध्यक्षता में एक जांच आयोग भी बनाया गया था. इस कमेटी ने केस बंद करने की सिफारिश की थी लेकिन कोर्ट ने कहा था कि जिस तरह से वकीलों को पीटा गया था उसके हिसाब से यह केस बंद नहीं किया जा सकता है. बीते महीने खुद अशोक निगम ने भी केस बंद करने पर सहमति जताई तो अदालत ने भी इसे स्वीकार कर लिया.