नई दिल्ली: बिहार में जातीय जनगणना की रिपोर्ट सामने आने के बाद सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में सीएम सचिवालय में सर्वदलीय बैठक की गयी. इस बैठक में जाति आधारित गणना के आंकड़ों पर तमाम दलों के नेताओं के साथ सरकार ने चर्चा की. इस बैठक में बीजेपी और हम संयोजक जीतन राम मांझी ने मौजूदा जाति आधारित गणना में कई खामियों को सरकार के सामने रखा. जिसके बाद सीएम नीतीश कुमार ने गंभीरता से लेते हुए जातीय जनगणना से जुड़े अधिकारीयों को उसे दूर करने की बात कही.
बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भरोसा दिया कि सामाजिक और आर्थिक सर्वेक्षण के आंकड़ों को विधानसभा में सत्र के दौरान रखा जाएगा. जिसका बीजेपी के नेताओं ने विरोध जताया. इस बैठक में बीजेपी की तरफ से नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा और हरि सहनी शामिल हुए. वहीं महागठबंधन की तरफ से छह और एनडीए की तरफ से दो, एक एआईएमआईएम के नेता बैठक में शामिल हुए. कुल नौ पार्टीयों के नेता इस बैठक में शरीक हुए.
BJP के नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री और तमाम नेताओं के सामने यह बात रखी गई कि कई वर्ग-समुदाय के लोग इन आंकड़ों के प्रति अविश्वास जता रहे हैं. इन्हें आपत्ति दर्ज कराने का मौका दिया जाना चाहिए. आपत्ति सिर्फ हमारी नहीं. सब लोग उठा रहे हैं. पूर्व डिप्टी सीएम, विधान परिषद् के नेता ने भी आपत्ति की है. हमने कहा कि इसपर आपत्ति दर्ज कराने का अवसर मिलाना चाहिए. जिसके बाद मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को ताकीद की है कि आपत्तियों को समझ कर शीतकालीन सत्र तक इसे सुलझा लें."
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