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'भारतीय ज़मीन पार्टी...', वक्फ बिल को लेकर अखिलेश यादव का भाजपा पर निशाना

Akhilesh Yadav Over Waqf Bill: वक्फ बिल को लेकर समाजवादी पार्टी के मुखिया और सांसद अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साधा है. उन्होंने भाजपा पर तंज कसते हुए पार्टी को भारतीय जमीन पार्टी करार दिया. उन्होंने कहा कि बीजेपी को अपना नाम बदलकर 'भारतीय जनता पार्टी' से भारतीय जमीन पार्टी कर लेना चाहिए.

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Edited By: India Daily Live
Akhilesh Yadav Over Waqf Bill
Courtesy: social media

Akhilesh Yadav Over Waqf Bill: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज वक्फ अधिनियम 1995 की 44 धाराओं में प्रस्तावित संशोधनों को लेकर भाजपा पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि ये विधेयक वक्फ के स्वामित्व वाली जमीनों की बिक्री से लाभ कमाने का बहाना है. उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए ये भी कहा कि केंद्र में काबिज भाजपा को अपना नाम बदलकर 'भारतीय जमीन पार्टी' रख लेना चाहिए. अखिलेश यादव का ये तंज संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू की ओर से लोकसभा में एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तीकरण, दक्षता और विकास अधिनियम पेश करने से कुछ घंटे पहले आया.

अखिलेश यादव ने एक्स पोस्ट में लिखा कि कि ये सारे संशोधन...सिर्फ बहाना हैं. रक्षा मंत्रालय, रेलवे और नजूल की जमीन (यानी औपनिवेशिक ब्रिटिश सरकार से विरासत में मिली जमीन) को बेचना ही लक्ष्य है. वक्फ बोर्ड की जमीनें 'भाजपा के लाभ की योजनाओं' की श्रृंखला की एक और कड़ी मात्र है. उन्होंने आगे लिखा कि भाजपा खुलकर क्यों नहीं लिखती: 'भाजपा के हित में जारी'? भाजपा रियल एस्टेट कंपनी की तरह काम कर रही है. उसे अपना नाम बदलकर 'जनता' की जगह 'ज़मीन' जोड़ लेना चाहिए और इसे भारतीय जनता पार्टी की जगह भारतीय ज़मीन पार्टी कर लेना चाहिए.

अखिलेश यादव ने लिखित गारंटी की मांग की

अखिलेश यादव ने इस बात की लिखित गारंटी देने की मांग की कि वक्फ बोर्ड की जमीनें नहीं बेची जाएंगी. भारत भर में वक्फ बोर्ड के पास करीब आठ लाख एकड़ जमीन है, जो इसे सबसे बड़ा निजी भूमि-स्वामित्व वाला संगठन बनाता है. रक्षा मंत्रालय और रेलवे के पास इससे भी ज्यादा जमीन है, लेकिन वे सरकारी स्वामित्व वाली हैं. वक्फ अधिनियम में परिवर्तन के प्रस्ताव की विपक्ष और मुस्लिम समुदाय के कुछ सदस्यों की ओर से कड़ी आलोचना की गई है. 

इससे पहले आज कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल और हिबी ईडन ने लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक पेश किए जाने का विरोध करने के लिए नोटिस दाखिल किया. एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने संशोधनों का विरोध करने के लिए नोटिस दिया. उनका दावा है कि यह संविधान के तहत गारंटीकृत अधिकारों के खिलाफ है, जिसमें धर्म का पालन करने की स्वतंत्रता भी शामिल है. ओवैसी ने कहा कि संशोधन भेदभावपूर्ण और मनमाना है और संविधान के मूल ढांचे पर गंभीर हमला है क्योंकि यह न्यायिक स्वतंत्रता और शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धांत का उल्लंघन करता है.

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा- बदलाव बर्दाश्त नहीं

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि बदलाव बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे. प्रवक्ता एसक्यूआर इलियास ने कहा कि सरकार वक्फ संपत्तियों की स्थिति बदलना चाहती है ताकि कब्जा करना आसान हो जाए. हालांकि, सरकार ने ऐसे दावों को खारिज कर दिया है. एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने योजना का उद्देश्य मुस्लिम महिलाओं और बच्चों को सशक्त बनाना है, जो पुराने कानून के तहत पीड़ित थे। सूत्रों ने बताया कि इसका उद्देश्य वक्फ बोर्डों की ओर से अवैध कब्जे को रोकना भी है.

सूत्रों ने ये भी दावा किया कि कुछ मुस्लिम मौलवियों की ओर से एक खतरनाक कहानी गढ़ी जा रही है, जो बेबुनियाद बयान दे रहे हैं कि उनकी जमीन छीन ली जाएगी. इस बीच, सूत्रों ने बताया कि सरकार चाहती है कि विधेयक को पारित करने की प्रक्रिया समावेशी हो और वह संशोधनों को आगे के अध्ययन के लिए संयुक्त समिति के पास भेजने को तैयार है. 1995 का वक्फ अधिनियम 'वाकिफ' (वह व्यक्ति जो संपत्ति समर्पित करता है) की ओर से ' औकाफ ' (दान की गई और वक्फ के रूप में अधिसूचित संपत्ति) को विनियमित करने के लिए पारित किया गया था. इस कानून में आखिरी बार 2013 में संशोधन किया गया था.