INDIA alliance: दिल्ली विधानसभा चुनाव में अब महज कुछ दिनों का समय बचा है. चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, राजनीतिक सरगर्मी उतनी ही बढ़ती जा रही है. राष्ट्रीय राजधानी में हो रहे त्रिकोणीय मुकाबले में सभी पार्टियां अपनी जीत का दावा कर रही है. वहीं इंडिया गठबंधन में शामिल पार्टियां अभी भी असमंजस में हैं.
तृणमूल कांग्रेस पार्टी के एक नेता ने कुछ दिनों पहले यह बयान दिया था कि आम आदमी पार्टी दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को भारी वोटों से हराएगी. जिसके बाद लोगों के बीच यह कहा जा रहा था कि इंडिया गठबंधन कांग्रेस पार्टी को सहयोग नहीं कर रही है. यह गठबंधन खत्म हो चुकी है. हालांकि इसी बीच समाजवादी प्रमुख अखिलेश यादव ने गठबंधन को लेकर बड़ी बात कही है.
सपा सुप्रीमो ने रविवार को इंडिया गठबंधन में चल रहे आंतरिक कलह की आशंकाओं को खारिज करते हुए कहा कि गठबंधन अभी भी पूरी तरह से बरकरार है. उन्होंने गठबंधन की एकजुटता के बारे में बात करते हुए कहा कि इंडिया गठबंधन भाजपा के खिलाफ क्षेत्रीय दलों को एकजुट करने के लिए बनाया गया था. समाजवादी पार्टी इस गठबंधन को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है और भाजपा के खिलाफ लड़ने वाले दलों के साथ मजबूती से खड़ी है. हालांकि इससे पहले इंडिया गठबंधन के नेताओं द्वारा दिए गए बयान ने लोगों को कंफ्यूजन में डाल दिया था.
"INDIA गठबंधन वैसे ही इंटैक्ट है। समाजवादी पार्टी आज भी उसी रास्ते पर है कि INDIA गठबंधन और मजबूत हो।"
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) January 12, 2025
- माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी pic.twitter.com/QXziBXGrJ0
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने गठबंधन के व्यापक उद्देश्य को दोहराते हुए कहा कि इंडिया गठबंधन देश की आत्मा की रक्षा के लिए बनाया गया था, न कि केवल लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए. अबतक गठबंधन ने मजबूत प्रदर्शन किया, जिस्से कई क्षेत्रों में भाजपा का प्रभुत्व कम हुआ. भविष्य का रास्ता गठबंधन के सभी नेताओं द्वारा सामूहिक रूप से तय किया जाएगा.
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इंडिया गठबंधन को लेकर जो कहा उससे गठबंधन में हलचल तेज हो गई थी. जिसके बाद कयास लगाए जाने लगें कि ये गठबंधन अब खत्म है. उन्होंने कहा था कि जहां तक मुझे याद है गठबंधन की कोई समय सीमा तय नहीं की गई थी. दुर्भाग्य से चूंकि इंडिया ब्लॉक की कोई बैठक नहीं बुलाई जा रही है, इसलिए इस पर कोई स्पष्टता नहीं है, न तो नेतृत्व के बारे में, न ही एजेंडे के बारे में, न ही इस पर कि हम जारी रखेंगे या नहीं. गठबंधन नेताओं द्वारा यह साफ किया जाना चाहिए कि क्या यह केवल संसदीय चुनावों के लिए था.