Madrassa Students Kill Imam: अजमेर के एक मदरसे के मौलाना की 15 दिनों पहले हत्या कर दी गई थी. मामले की जानकारी के बाद पुलिस पिछले 2 हफ्तों से जांच पड़ताल में जुटी थी. इसी बीच पुलिस को जानकारी हुई कि मौलाना की हत्या मदरसे में पढ़ने वाले 6 नाबालिगों ने मिलकर की है. फिलहाल, पुलिस ने सभी 6 नाबालिगों को पकड़ लिया है. पूछताछ में नाबालिग बच्चों ने जो कहानी बताई, उसने पुलिस को भी चौंका दिया.
पुलिस के मुताबिक, नाबालिगों ने बताया कि 30 साल का मौलाना मोहम्मद माहिर मोबाइल में अश्लील वीडियो दिखकर बच्चों का शारीरिक शोषण करता था. कुछ बच्चों को मौलाना रुपयों की लालच भी देता था. बच्चों के मुताबिक, ये सबकुछ पिछले 4 सालों से हो रहा था. मौलाना के इस हरकत से तंग आकर बच्चों ने उसकी हत्या की साजिश रची और 15 दिन पहले बड़ी सफाई से मौलाना को मौत के घाट उतार दिया.
पुलिस के मुताबिक, पूछताछ में नाबालिगों ने बताया कि प्लान के मुताबिक उन्होंने मौलाना के रायते में नींद की गोली मिला दी. जब मौलाना इसे पीकर सो गया, तो बच्चे डंडा लेकर पहुंचे और मौलाना के सिर पर वार कर दिया. मौलाना दर्द की वजह से उठने की कोशिश की, लेकिन वो वहीं गिर गया. इसके बाद नाबालिगों ने मिलकर रस्सी से उसका गला घोंट दिया.
अजमेर के एसपी देवेन्द्र कुमार विश्नोई के मुताबिक, दौराई कंचन नगर के मोहम्मदी मदीना मस्जिद में मौलाना मोहम्मद माहिर की 26 अप्रैल की देर रात हत्या हुई थी. पूछताछ में नाबालिगों ने बताया कि मौलाना उनका शारीरिक शोषण करता था, इस बारे में किसी को भी बताने पर जान से मारने की धमकी भी देता था.
मौलाना माहिर करीब 2017 में उत्तर प्रदेश के रामपुर से आया था. मस्जिद में मौलाना के साथ 15 बच्चे रहते थे, जो मदरसे में पढ़ाई करते थे. 25 अप्रैल को मौलाना अपने रामपुर वाले घर से एक नाबालिग को लेकर यहां आया था. 25 अप्रैल की रात को ही मौलाना ने रामपुर से अपने साथ लाए बच्चे के साथ गलत काम किया और फिर उसे रुपये दिए और किसी को भी इस बारे में न बताने की हिदायत दी.
मौलाना के हवस के शिकार बच्चे ने एक दिन बाद यानी 26 अप्रैल को दिन में मदरसे में रहने वाले अन्य छात्रों को दी. इसके बाद नाबालिगों ने उसे बताया कि ये सब कुछ पिछले 4 साल से हो रहा है. फिर सभी 6 नाबालिगों ने मिलकर मौलाना को ठिकाने लगाने की प्लानिंग की. प्लान बना कि रायते में नींद की गोली मिलानी है, जब मौलाना सो जाएगा तो उसकी हत्या कर दी जाएगी.
प्लान के मुताबिक, बच्चे 26 अप्रैल की देर शाम मेडिकल स्टोर पर गए और नींद की दवा लेकर आए. मौलाना कुछ देर के लिए बाहर गया था. इसी दौरान नाबालिगों ने उसके रायते में नींद की गोली मिला दी. जब मौलाना आया तो उसने रायता पी लिया और सोने चला गया. रात करीब 2 बजे सभी 6 नाबालिग बच्चे मौलाना के कमरे में दाखिल हुए. फिर डंडे से उसके सिर पर हमला कर दिया. फिर उसके गले को रस्सी के बने फंदे से कसकर उसे मौत की निंद सुला दिया.
पुलिस के मुताबिक, मौलाना की हत्या के बाद भी नाबालिगों ने बचने की प्लानिंग की. नाबालिगों ने तय किया कि किसी के पूछने पर बताना है कि बाहर से काले कपड़े में कुछ लोग आए थे, जिन्होंने हमें चुप रहने की धमकी दी और मौलाना की हत्या कर दी. ये भी बताना है कि तीनों ने कपड़े से चेहरा ढका था, इसलिए हम उन्हें पहचान नहीं पाए. उन्होंने ये भी प्लानिंग की कि पूछताछ में बताना है कि तीनों लोग हत्या के बाद फरार हो गए.
पुलिस को ये कहानी बताने के बाद नाबालिगों ने बताया कि हम लोगों ने मौलाना की हत्या के बाद मस्जिद के पास रहने वाले सरफराज को जानकारी दी. फिर उन्होंने पुलिस को बुलाया. फिलहाल, पुलिस ने बच्चों की निशानदेही पर हत्या में यूज किए गए डंडे और रस्सी को बरामद कर लिया है.
पुलिस ने बताया कि जब नाबालिगों ने तीन लोगों के आने और हत्या करने की बात बताई, तो घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए. एक फुटेज में दो संदिग्ध नजर भी आए, लेकिन तीसरे की पुष्टि नहीं हो पा रही थी. फिर हमलोगों ने दोबारा नाबालिगों से पूछताछ की तो वे टूट गए और पूरी सच्चाई बता दी.