सर्दी से पहले सांसों पर संकट! पस्त हो सकती है दिल्ली की हालत, 'ग्रीन वॉर रूम' रेडी

Air Quality Index In Delhi: अगले तीन दिनों में दिल्ली-NCR में रहने वालों की सांसों पर संकट आ सकता है. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि, भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान, पुणे (IITM Pune) ने कुछ आंकड़ों का अध्ययन कर रिपोर्ट जारी की है. इसमें कहा गया है कि दिल्ली का AQI बिगड़ने वाला है. आइयें जानें रिपोर्ट के बिंदु.

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Air Quality Index In Delhi: आम तौर पर हर ठंड में दिल्ली में सांसों का संकट आ जाता है. यानी NCR में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है. हालांकि, अभी ठंड आनी बाकी है लेकिन प्रदेश का प्रदूषण बढ़ने की आशंका जताई जाने लगी है. भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान, पुणे (IITM Pune) ने कुछ आंकड़ों का अध्ययन किया है. इस आधार पर कहा जा रहा है कि अगले तीन दिनों में दिल्ली की वायु गुणवत्ता यानी AQI (Air Quality Index) 'मध्यम' से 'खराब' श्रेणी में रह सकता है. आइये जानें रिपोर्ट में और क्या कहा गया है?

बता दें पिछले साल भी राजधानी में प्रदूषण को कम करने के लिए एंटी-स्मॉग गन और पानी के छिड़काव का उपयोग किया गया था. इस वर्ष भी वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर होती दिख रही है. इसी कारण दिल्ली सरकार ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है. प्रदूषण को मॉनिटर करने के लिए सेंटर बनाए गए हैं.

3 दिन पस्त हो सकती है दिल्ली

फिलहाल दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 174 है. इसे 'मध्यम' श्रेणी में माना जाता है लेकिन वायु प्रदूषण चिंता का विषय बना हुआ है. IITM पूणे ने AQI.in के आंकड़ों का अध्ययन किया इसके अनुसार, अगले 2 से तीन दिन यानी 2 अक्टूबर से 4 अक्टूबर तक दिल्ली की हवा खराब हो सकती है.

अभी दिल्ली की हवा में धूल के महीन कणों यानी PM 2.5 की मात्रा 61 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है. जबकि, WHO के अनुसार, ये मात्रा अधिकतम 15 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर होना चाहिए. यानी दिल्ली में अभी भी हवा मानक से 2.44 गुना अधिक खराब है.

क्यों खराब होती है दिल्ली की हवा?

दिल्ली साल भर एयर क्वालिटी की समस्या से जूझती है. खासकर सर्दियों में स्थिति और खराब हो जाती है. इसके पीछे प्रमुख कारण हैं: पड़ोसी राज्यों में किसानों द्वारा पराली जलाना है. इसके साथ साथ NCR में वाहनों और उद्योगों से होने वाला उत्सर्जन, धीमी हवा की गति और त्योहारों के दौरान पटाखों का उपयोग. प्रदूषण का मुख्य कारण है.

प्रदूषण नियंत्रण के उपाय

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने वायु प्रदूषण पर नजर रखने के लिए 24/7 'ग्रीन वॉर रूम' शुरू किया है. इसके साथ ही राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) से उड़न दस्ते तैनात किए हैं. ये फसल अवशेष जलाने को रोकने के लिए पंजाब और हरियाणा के हॉटस्पॉट जिलों का दौरा करेंगे. ये दस्ते 1 अक्टूबर से 30 नवंबर तक सक्रिय रहेंगे.

दुनिया में कहा है दिल्ली?

स्विस वायु गुणवत्ता मॉनिटरिंग संगठन IQAir की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल दिल्ली दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी थी. वहीं भारत में PM2.5 स्तरों के आधार पर तीसरे स्थान पर रही. करीब-करीब हर साल दिल्ली की ये हालत होती है. इस कारण ठंडों में यहां बड़ी संख्या में बीमार भी पड़ते हैं और भारी कोहरा देखने को मिलता है.